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विश्वकर्मा पूजा आज, योग व लग्न में पूजन से होगी अभीष्ट की प्राप्ति

कुशीनगर: भगवान विश्वकर्मा निर्माण एवं सृजन के देवता हैं। माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही इन्

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 11:28 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 11:28 PM (IST)
विश्वकर्मा पूजा आज, योग व लग्न में पूजन से होगी अभीष्ट की प्राप्ति
विश्वकर्मा पूजा आज, योग व लग्न में पूजन से होगी अभीष्ट की प्राप्ति

कुशीनगर: भगवान विश्वकर्मा निर्माण एवं सृजन के देवता हैं। माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही इन्द्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्वर्ग लोक, लंका आदि का निर्माण किया था। शुभ मुहूर्त व लग्न में विश्वकर्मा भगवान का पूजन-अर्चन करने से अभीष्ट की प्राप्ति होती है। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय के अनुसार आज ज्येष्ठा व मूल नक्षत्र का समयोग व आयुष्मान योग मिल रहें हैं। इस योग के होने के कारण इस वर्ष का यह पूजा विशेष फलदायी है। आज के दिन वाहन, शस्त्र, कम्पनी, मशीनरी, लौह उद्योग इत्यादि का पूजन चर लग्न में करने का विधान है। पूजन हेतु सुबह 8 बजे से 10:17 बजे के बीच शुभ मुहूर्त है। पूजन में सर्वप्रथम गौरी- गणेश, नवग्रह, षोडषमातृका, सप्तघृत मातृका के पूजन के पश्चात भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करते हुए जल, पंचामृत, वस्त्र, चंदन, पुष्प, धूप, दीप नैवेद्य चढ़ाने के पश्चात हवन करें। पूजन-अर्चन उपरांत आरती का विशेष महत्व है। आरती के पश्चात सभी इष्ट मित्रों में प्रसाद वितरण कर स्वयं प्रसाद ग्रहण करें। ऐसा करने से पूरे वर्ष भर भगवान विश्वकर्मा की कृपा बनी रहती है।

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