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हरित वन के रूप में चिन्हित होंगे 50 गांव

चिन्हित गांवों में सरकारी भूमि पर वन विभाग लगाएगा पौधे कट गए पुराने पेड़ दिनोंदिन बढ़ती जा रही पर्यावरण समस्या

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 May 2020 10:41 PM (IST)Updated: Sun, 03 May 2020 10:41 PM (IST)
हरित वन के रूप में चिन्हित होंगे 50 गांव
हरित वन के रूप में चिन्हित होंगे 50 गांव

पडरौना, कुशीनगर: पर्यावरण संकट को दूर करने के लिए जिले में जल्द ही अभियान चलेगा। जिसकी शुरुआत 50 गांवों में होगी। गांवों को चिन्हित करने का कार्य शुरू है। चिन्हित गांवों में सरकारी भूमि पर वन विभाग विविध प्रकार के पौधे लगाकर हरियाली फैलाने का कार्य करेगा। सबकुछ समय पर हुआ तो अगले महीने से अभियान धरातल पर नजर आने लगेगा। इन गांवों को हरित वन का नाम दिया गया है।

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एक हेक्टेयर में लगेंगे 625 पौधे

- हरित वन के लिए गांवों में एक हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी। वन विभाग व राजस्व विभाग की टीम मिलकर गांवों में सरकारी भूमि तलाशेगी। भूमि की उपलब्धता होने के बाद वन विभाग उस पर पौधारोपण का कार्य शुरू कर देगा। एक हेक्टेयर भूमि पर 625 पौधे रोपे जाएंगे। यह आवश्यक नहीं कि एक हेक्टेयर भूमि ही एक स्थान पर हो, वह अलग-अलग स्थान पर भी हो सकती है।

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लगेंगे फलदार तथा नीम, शीशम व अर्जुन के पौधे

-महत्वाकांक्षी योजना हरित वन के तहत नीम, शीशम, इमली, पीपल, पाकड़, सेमल, अर्जुन के अलावा फलदार आम, जामुन के पौधे रोपे जाएंगे। विभाग के अनुसार वायु प्रदूषण को कम करने तथा पर्यावरण संकट को दूर करने के लिए जैव विविधता आवश्यक है।

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विभाग व पंचायत पर होगी सुरक्षा की जिम्मेदारी

-सरकारी भूमि पर रोपे गए पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी वन विभाग के साथ-साथ ग्राम पंचायत की होगी। जिन गांवों में पौधे लगेंगे उन ग्राम पंचायतों पर रोपे गए पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी होगी। वन विभाग भी मदद करेगा।

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गांवों में पुराने पेड़ अब कट गए। पेड़ जिस गति से कट रहे लोग उस गति से पौधे नहीं लग रहे। इससे पर्यावरण संकट जैसी गंभीर समस्या आज सामने है। हरित वन शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। जिसका उद्देश्य गांवों में फिर से पौधे लगाकर हरियाली फैलाना तथा पर्यावरण संकट को दूर करना है। 50 गांवों में हम इसकी जल्द ही शुरुआत करने जा रहे हैं। वीसी ब्रह्मा, जिला प्रभागीय वनाधिकारी


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