टीकाकरण से ही होगा खसरा-रुबैला से बचाव: डा. राकेश
खसरा एक जानलेवा बीमारी है, जो ब'चों में अपंगता और मृत्यु का कारण बन जाती है। यह रोग प्रभावित व्यक्ति के खांसने और छींकने से भी फैलता है।
कुशीनगर : खसरा एक जानलेवा बीमारी है, जो बच्चों में अपंगता और मृत्यु का कारण बन जाती है। यह रोग प्रभावित व्यक्ति के खांसने और छींकने से भी फैलता है। इसका एकमात्र निदान टीका लगवाना ही है। यह बातें तमकुहीराज सीएचसी पर आयोजित कार्यशाला में शिक्षकों को संबंधित करते हुए अधीक्षक डा. राकेश गुप्त ने कहीं।
ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधन प्रवीन कुमार राय ने कहा कि खसरा बच्चों को निमोनिया, दस्त और दिमागी संक्रमण जैसे जीवन के लिए घातक रोगों के चपेट में ला सकता है। ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेज मैनेजर वाहिद हुसेन ने कहा कि तेज बुखार के साथ त्वचा पर दिखाई पड़ने वाले लाल चकत्ते, खांसी, नाक का बहना और आंखों का लाल होना आम लक्षण है। डा. हिमांशु मिश्र ने कहा कि अगर स्त्री को गर्भावस्था के आरंभ में रुबैला संक्रमण होता है तो सीआरएस विकसित हो सकता है, जो नवजात व भ्रूण के लिए घातक है। वहीं रुबैला के प्रभाव से गर्भवती स्त्री में गर्भपात, अकाल प्रसव और मृत प्रसव की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। कार्यशाला को एआरओ विनय नायक, विजय चौहान ने भी संबोधित किया। कार्यशाला में शिक्षक आलमगीर, मिनहाज, अजय ¨सह, कबीर आलम अजय शर्मा, विन्देश्वरी वर्मा, आलमगीर खान, शहजाद अली, कृष्ण मुरारी पांडेय, मधु ¨सह, सुमन ¨सह, तरानुम आरा, नागेंद्र प्रसाद आदि शिक्षक उपस्थित रहे।