गोसेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं : यशवंत सिंह
कुशीनगर गोसेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। इससे आत्मिक शांति के साथ परिवार में भी खुशह
कुशीनगर : गोसेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। इससे आत्मिक शांति के साथ परिवार में भी खुशहाली आती है, इसलिए गोसेवा जरूर करना चाहिए।
यह बातें सोमवार को खड्डा विकास खंड के गांव बोधी छपरा में गोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक व गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष यशवंत सिंह उर्फ अतुल सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि देसी गायों का अस्तित्व खत्म हो रहा है। ऐसी स्थिति में गोशाला खोलना समाज के लिए प्रेरणादायी है। देसी गायों के मूत्र व गोबर में किसी भी ऊसर भूमि को उपजाऊ बनाने की क्षमता होती है।
आयोजक डा. दिलीप सिंह ने सभी के प्रति आभार जताया। अध्यक्षता करते हुए विजय सिंह ने कहा कि गोसेवा करने से जो सुख मिलता है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। विशिष्ट अतिथि सहकारी उपायुक्त लखनऊ आलोक सिंह, प्रगतिशील किसान अशोक मालवीय, ईशा सिंह, पूर्व चेयरमैन डा. निलेश मिश्रा, श्रीकृष्ण यादव आदि ने भी जैविक खेती पर जोर दिया।
सीओ खड्डा शिव स्वरुप, रामाधार राजभर, दिनेश बहादुर पाल, कमल नयन अग्रवाल, मुकेश विश्वकर्मा, शेषमणि गोंड, रत्नेश भरद्वाज, कुणाल राव, विभूति सिंह, भानु प्रताप पांडेय, ओम प्रकाश गिरी, महेंद्र यादव, सत्यपाल गोविंद राव, श्रीकिश़ुन यादव आदि मौजूद रहे।