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शहीद का पाíथव शरीर पहुंचा गांव, अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब

कुपवाड़ा से तिरंगा में लिपटा जवान चंद्रभान चौरसिया का पाíथक शरीर शुक्रवार की शाम को जैसे ही पैतृक गांव दुमही पहुंचा हर एक की आंखें नम हो गईं। शहीद के सम्मान में सिर झुक गए आंखें सजल हुईं पर लोगों के चेहरे पर शहीद के प्रति गर्व का भाव भी दिखा। युवाओं की आंखों में देशभक्ति का जज्बा हिलोरे ले रहा था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 11:26 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 11:26 PM (IST)
शहीद का पाíथव शरीर पहुंचा गांव, अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब
शहीद का पाíथव शरीर पहुंचा गांव, अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब

कुशीनगर : कुपवाड़ा से तिरंगा में लिपटा जवान चंद्रभान चौरसिया का पाíथक शरीर शुक्रवार की शाम को जैसे ही पैतृक गांव दुमही पहुंचा, हर एक की आंखें नम हो गईं। शहीद के सम्मान में सिर झुक गए, आंखें सजल हुईं, पर लोगों के चेहरे पर शहीद के प्रति गर्व का भाव भी दिखा। युवाओं की आंखों में देशभक्ति का जज्बा हिलोरे ले रहा था। सैकड़ों युवाओं ने बाइक व चार पहिया वाहन की रैली निकाल शहीद के पाíथव शरीर की आगवानी की।

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इधर अपने कलेजे के टुकड़े के अंतिम दर्शन के लिए पिता खड़े रहे। पत्नी की आंखें भी रोते-रोते पथरा गई थीं। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा के मच्छल सेक्टर में राष्ट्रीय राइफल्स 45 के मेडिकल कोर के जवान चंद्रभान पोस्ट की रक्षा के लिए चार अन्य जवानों के साथ चौकी पर तैनात थे।

बीते सोमवार को बर्फीले तूफान के दौरान हिमस्खलन में सभी जवान बर्फ में दब गए थे। रेस्क्यू टीम ने उन्हें बाहर निकाला, लेकिन श्रीनगर पहुंचने के पूर्व चार जवान मौत से हार गए। चंद्रभान भी उन्ही शहीदों में से एक थे। वाराणसी के बावतपुर एयरपोर्ट से काला झंडा लगे हुए सेना के वाहन से पाíथव शुक्रवार को सायं 4.40 बजे पैतृक गांव लाया गया। डीएम डॉ. अनिल कुमार सिंह व एसपी विनोद कुमार मिश्र ने परिजनों को ढांढस बंधाया।

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जवानों ने दी सैन्य सम्मान

राजापाकड़ : पाíथव के साथ आए आर्मी मेडिकल कोर, सिख रेजीमेंट, गोरखपुर वायु सेना के मेडिकल कोर के जवानों ने पुष्पचक्र अíपत कर अंतिम सलामी दी। इसके बाद पत्नी पिकी को पाíथव के साथ लाया नेशनल फ्लैग सुपुर्द किया।

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बिलख पड़े पिता व पत्नी, लोगों की आंखें हुई नम

राजापाकड़ : करीब एक माह की छुट्टियों के बाद 13 नवंबर को ही सैनिक चंद्रभान ड्यूटी पर गए थे। इस माह के अंत में वापस आने वाले थे, लेकिन परिजनों के पास मौत की खबर आ गई थी। पत्नी पिकी पाíथक देह से लिपट गई और पिता राजबल्लम ने बेटे को कलेजे के लगाया। बेटा आर्यन व आयुष भी पिता के लिए बिलख रहे थे। अन्य परिजनों के साथ मौजूद हजारों लोगों की भी आंखें नम थी। बड़े भाई उदयभान, बहनें सुमन, सोनी, सुनीता, ससुर त्रिवेणी चौरसिया आदि बिलखते रहे।

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शहीद की शहादत पर प्रकृति भी रोई

कसया, कुशीनगर: जिले के लाल चंद्रभान चौरसिया को श्रद्धाजंलि देने के लिए शुक्रवार को दोपहर बाद भारी संख्या में नौजवान उमड़ पड़े। शहीद के पाíथव के कसया-देवरिया रोड पर रामाभार पुल के समीप प्रवेश करते ही गगनभेदी नारे गूंजने लगे। पुष्प वर्षा करते नौजवानों की आंखे नम थी, तो प्रकृति भी मानो रो रही थी।

कड़ाके की ठंड के बीच होती बारिश का परवाह किए बिना सड़क के किनारे खड़े हजारों लोगों में श्रद्धाजंलि देने की होड़ लगी रही। सेना की गाड़ी दिखाई दी वातावरण चंद्रभान चौरसिया .. अमर रहें., भारत मां का प्यारा लाल. चंद्रभान..चंद्रभान के नारों से गूंज उठा। ओमप्रकाश वर्मा, राकेश गिरि, विनोद गिरि, संतोष शर्मा, प्रमोद शर्मा, संजय शर्मा, प्रमिल गुप्ता, राजबहादुर राजू आदि उपस्थित रहे।

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स्कूली बच्चों ने की पुष्प वर्षा

तुर्कपट्टी, कुशीनगर: शहीद चंद्रभान चौरसिया का शव जैसे ही तुर्कपट्टी पहुंचा देशभक्ति का जज्बा लोगों में फूट पड़ा। शहीद का पाíथव शरीर पैतृक गांव दुमही ले जाया जा रहा था। तुर्कपट्टी में चिल्ड्रेन पब्लिक स्कूल के बच्चों ने पुष्प वर्षा कर श्रद्धाजंलि दी। धर्मेंद्र श्रीवास्तव, सर्वेश तिवारी, अनिल निर्मल, पुरुषोत्तम वर्मा, नूतन मिश्र, ओमप्रकाश पांडेय, राजेश मद्धेशिया, राजू तिवारी, पंकज सिंह, हेमंत मिश्र, राजन मद्धेशिया, विनय मिश्र आदि मौजूद रहे।


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