रागिनी की धुन से बन रहे घर, संवर रही तस्वीर
कुशीनगर में भवन निर्माण करने वाली रागिनी बिहार की रहने वाली हैं वह राज मिस्त्री का काम करती हैं पढ़ा-लिखा कर बचों को बनाना चाह रहीं अच्छा इंसान।
कुशीनगर: 35 साल की रागिनी रहने वाली तो बेतिया (बिहार) की हैं, पर वर्षों से वह कुशीनगर में दीवार जोड़कर अपने परिवार की आजीविका चला रहीं हैं। वह क्षेत्र की पहली महिला राजमिस्त्री हैं। काम के प्रति निष्ठा व ईमानदारी रखने वाली रागिनी का लक्ष्य अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर अच्छा इंसान बनाने का है। इन दिनों वह फाजिलनगर विकास खंड के गांव लवकुश पश्चिम पट्टी में बन रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर राजमिस्त्री का काम कर रही हैं। उनको दीवार की चुनाई करते तथा छत व बीम की ढलाई करते देख लोग आश्चर्यचकित हो उठते हैं।
रागनी मूल रूप से बिहार के तहसील गबनाहा के गांव टहकौल की रहने वाली हैं। किराए के मकान में पति अरविद महतो के साथ फाजिलनगर में रहती है। उनके साथ बेटे हिमांशु, दिवांशु, ससुर अग्निदेव महतो, सास रंभा देवी रहते हैं। बताती हैं कि उनका परिवार खेती पर आश्रित था। जरूरतें बढ़ीं तो जीवन मुश्किल हो गया। यह देख रागिनी ने ससुराल में ही घर निर्माण में मजदूरी शुरू की। धीरे-धीरे निर्माण कार्य सीख लिया। गांव में काम कम मिलता और मजदूरी भी कम मिलती। यह देख रागिनी पति के साथ कुशीनगर चली आई। पति-पत्नी दोनों मकान निर्माण का कार्य करते हैं। इमारत दो मंजिल का हो या तीन मंजिल, ऊंचाई पर चढ़ कर कार्य करने में रागिनी को बिल्कुल डर नहीं लगता। कहतीं हैं कि पुरुषों वाला यह काम अपने बच्चों के लिए कर रहीं हैं। मजदूरी के बदले जो रकम मिलती है उसे बचाकर बच्चों की पढ़ाई में खर्च करती हूं।
महिलाओं का सम्मान करना सबकी जिम्मेदारी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नगर के बीआरसी परिसर में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में बेटी बचाओ, बेटी पढाओ कार्यक्रम के तहत छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को महिलाओं के सम्मान व सुरक्षा के लिए जागरूक किया।
नगरपालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि कैफुल अली ने कहा कि महिलाओं से ही जीवन है, वह घर की लक्ष्मी हैं। इनका सम्मान करना हम सभी की जिम्मेदारी है। डा. संजय कुमार सिंह ने कहा कि बेटियां किसी से कम नहीं है। हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। डा. सावित्री सिंह, ड. पल्लवी सिंह ने भी संबोधित किया। स्वास्थ्य टीम की तरफ से छात्राओं को मास्क व सैनिटाइजर और महिला अभिभावकों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। वार्डेन डा. अंबू सिंह ने आभार प्रकट किया। संचालन अर्चना दूबे ने किया। वीरेंद्र शर्मा, दिग्विजय पांडेय, राजन यादव, अनुप कुमार, सिब्बी मिश्रा, एएनएम मीरा दूबे, संध्या, रानी पाल, स्नेहा उपाध्याय, बेबी गोंड, सोनी, अंशिका दूबे आदि मौजूद रहे।