धर्म और आस्था के संगम पर भरेगी जल संरक्षण की गोद
बुद्धकालीन कुकुत्था नदी के उद्गम स्थल भूपसागर तालाब पर बनेगा चेक डेम -धार्मिक व ऐतिहासिक महत्ता को देखते हुए योजना को मूर्तरूप देने की तैयारी
कुशीनगर: महापरिनिर्वाण से पूर्व भगवान बुद्ध के यात्रा की गवाह ऐतिहासिक कुकुत्था नदी के उद्गम स्थल धार्मिक महत्व वाले भूप सागर पोखरे पर जल संरक्षण की गोद भरेगी। यहां से धर्म व आस्था के संदेश के साथ पानी बचाओ की गूंज सुनाई देगी। प्रशासन, इस स्थान की महत्ता को देखते हुए चेक डेम (लघु बांध) बनाने जा रहा है। इसको अंतिम रूप देने के लिए टीम ने निरीक्षण कर डीएम को रिपोर्ट भी सौंप दी है।
सदर विकास खंड के कोहरवलिया गांव में 15 एकड़ में यह पोखरा स्थित है। बौद्धों की आस्था से जुड़ी कुकुत्था नदी में कुशीनगर पहुंचने से पूर्व भगवान बुद्ध ने स्नान कर, जल ग्रहण किया था। पहले इस पोखरे में साल भर पानी भरा रहता था। अब यह बरसात के बाद सूख जाता है। इस स्थल की महत्ता को देखते हुए प्रशासन ने एक साथ दो निशाना साधा है। तालाब से निकलने वाले नाले पर बदल पट्टी के पास तीन मीटर ऊंचा चेक डेम के निर्माण से जल संरक्षण तो होगा ही, इस स्थल की महत्ता को भी उचित स्थान मिलेगा। डीएम के निर्देश पर एसडीएम सदर रामकेश ने चार सदस्यीय टीम के साथ स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट भी सौंपी दी है।
-पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
-जल संरक्षण के साथ इस स्थल की महत्ता एक बार फिर से लोग ठीक से जान व समझ सकेंगे। इससे यह पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित होगा। ऐसा भी माना जा रहा है कि विदेशी सैलानी भी आकर्षित होंगे।
-जल संरक्षण की मिलेगी प्रेरणा
-धर्म व आस्था से जुड़े होने के कारण यहां से जल संरक्षण का प्रभावी संदेश लोगों को मिलेगा। वे भी इसको लेकर आगे बढ़ेंगे। डैम बनाने का मकसद और सार्थक रूप ले लेगा।
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-पोखरे के कायाकल्प की कार्य योजना तैयार है। इसकी भूमि से अतिक्रमण खाली कराकर शीघ्र कार्य शुरू कराया जाएगा। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
-भूपेंद्र एस चौधरी,डीएम,कुशीनगर