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तहसील प्रशासन ने लिया ओलावृष्टि से हुई क्षति का जायजा

कुशीनगर में पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि से दर्जनों गांवों के किसानों की फसल प्रभावित हुई है सर्वे टीम ने किसानों को दिया मुआवजा का आश्वासन टीम ने खेतों तक पहुंच कर लिया क्षति का जायजा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 12:27 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 12:27 AM (IST)
तहसील प्रशासन ने लिया ओलावृष्टि से हुई क्षति का जायजा
तहसील प्रशासन ने लिया ओलावृष्टि से हुई क्षति का जायजा

कुशीनगर : बीते 12 जनवरी को दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि में क्षेत्र के उजारनाथ, सपही बुजुर्ग, सपही खुर्द, सपही खास, करमैनी, चंद्रौटा सहित दर्जन भर गांवों में फसलों को क्षति पहुंची। जागरण ने 13 जनवरी के अंक में पेज पांच पर राहत की बारिश, आफत के ओले, शीर्षक खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसका संज्ञान लेकर तहसील प्रशासन ने सोमवार को क्षति का आकलन कराया।

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तहसीलदार दीपक गुप्ता के नेतृत्व में कानूनगो राणा, हल्का लेखपाल राजीव कुमार की टीम ने प्रभावित गांवों के खेत पर पहुंच कर क्षति का जायजा लिया। प्रभावित किसानों की सूची तैयार की। तहसीलदार ने उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। इस दौरान किसान पशुपतिनाथ तिवारी, अभिषेक तिवारी, प्रधान नवनीत तिवारी, संतोष मणि, प्रधान धर्मेंद्र मणि, इन्द्र नारायण मिश्रा, अवधराज मिश्र, शम्भूनाथ तिवारी, प्रधान जुल्फकार अंसारी, एकलाख अंसारी, नत्थू गोंड़, जावेद अंसारी, ईश्वर आदि मौजूद रहे।

भापुस का अवैध निर्माण के विरुद्ध नोटिस

अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भापुस) द्वारा एक दर्जन से अधिक अवैध निर्माणकर्ताओं के विरुद्ध नोटिस जारी किया गया है। इससे उनमें हड़कंप मचा हुआ है। यह अवैध निर्माण लगभग एक माह के अंदर का होना बताया जा रहा है।

प्राचीन स्मारक, पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम-2010 के अनुसार स्मारक की सीमा से चारों तरफ सौ मीटर के क्षेत्र को निषिद्ध क्षेत्र माना गया है। इसके आगे दो सौ मीटर का क्षेत्र विनियमित होता है। निषिद्ध क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण, नवीनीकरण और विनियमित क्षेत्र में निर्माण, पुनर्निर्माण, मरम्मत, नवीनीकरण आदि के लिए अनापत्ति हेतु आयुक्त, वाराणसी मंडल को नामित किया गया है। आयुक्त वाराणसी द्वारा राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण, नई दिल्ली की संस्तुति के आधार पर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। बिना अनुमति के निर्माण ध्वस्त करने के साथ ही निर्माणकर्ता को दो वर्ष की कैद और पांच लाख रुपए अर्थदंड का प्रविधान है। संरक्षण सहायक शादाब खान ने बताया कि एक माह में लगभग एक दर्जन से अधिक अवैध निर्माण हुए हैं। इनके विरुद्ध नोटिस जारी किया गया है।


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