साहबों को नहीं दिखती ग्रामीण सड़कों की बदहाली
सड़कों की उपेक्षा से आम आदमी आहत है। बीच में बने गड्ढों से पार पाना आसान नहीं रह गया है। स्कूल जाते बच्चे गिरकर घायल हो रहे हैं तो रेंगते हुए वाहन दोगुने समय में पहुंच रहे हैं। मानक का अनुपालन न होने से पिच सड़कें निर्माण के छह माह के अंदर ही उखड़ने लगी हैं।
कुशीनगर: सड़कों की उपेक्षा से आम आदमी आहत है। बीच में बने गड्ढों से पार पाना आसान नहीं रह गया है। स्कूल जाते बच्चे गिरकर घायल हो रहे हैं तो रेंगते हुए वाहन दोगुने समय में पहुंच रहे हैं। मानक का अनुपालन न होने से पिच सड़कें निर्माण के छह माह के अंदर ही उखड़ने लगी हैं। ग्रामीणों की शिकायतों का विभागीय जिम्मेदार संज्ञान तक नहीं ले रहे हैं ।
-
कभी भी हो सकती है दुर्घटना कुशीनगर : सेवरही-पडरौना वाया दुदही मुख्य मार्ग के हमेशा पट्टी पुल के पास रेनकट से आवाजाही जोखिमपूर्ण हो गई है। एक पखवारा से अधिक समय बीत जाने के बावजूद विभाग ने इसकी मरम्मत तक नहीं कराई। किसी अनहोनी से बचने के लिए ग्रामीणों ने डंडे में लाल झंडी बांध कर लगा दिया है। बावजूद इसके थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। मुकेश गुप्ता, राजू भारती, अनिल पटेल, सुरेन्द्र भारती, निरंजन, संजय कुमार आदि ने सड़क मरम्मत कराने की मांग की है।
-
नही दूर हुई अहिरौलीदान-तमकुहीराज मार्ग की बदहाली
कुशीनगर : क्षेत्र की आधा दर्जन सडकों की स्थिति पूरी तरह खराब हो चुकी है। अहिरौलीदान - तमकुहीराज 25 किमी लंबा मार्ग बाघाचौर, अहिरौलीदान, बेदूपार एहमाली, बेदूपार मुस्तकील, बीरवट कोन्हवलिया, फागू छापर, रामपुर बगरा, खैरटिया, सिसवा अव्वल, रामपुर बगरा, दनियाडी, माल्हों आदि गावों को तहसील व जिला मुख्यालय को जोड़ता है। जिला पंचायत सदस्य रंजन कुशवाहा, अरविद सिंह पटेल, हरकेश सिंह, संजय राय, सतोंष, दीनानाथ सिंह सड़क मरम्मत की मांग की है।