मानव कल्याण के लिए हुआ था शिव-पार्वती विवाह : वंदना
जागरण संवाददाता रगड़गंज कुशीनगर रामकोला विकास खंड के सिधावे गांव स्थित भड़कुड़वा धा
जागरण संवाददाता, रगड़गंज, कुशीनगर: रामकोला विकास खंड के सिधावे गांव स्थित भड़कुड़वा धाम मंदिर परिसर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ के सातवें दिन शुक्रवार को कथावाचिका वंदना ने भगवान शिव व पार्वती के विवाह का वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि शिव ने मानव कल्याण के लिए पार्वती से शादी की थी। देवी देवता लोक कल्याण के लिए ही दांपत्य सूत्र में बंधते हैं। देवताओं के आग्रह पर ही भगवान शंकर ने हिमांचल की पुत्री पार्वती से विवाह किया। शिव को पाने के लिए पार्वती ने कठिन तपस्या की थी। कथा के दौरान शिव विवाह की गीत सुन श्रद्धालु झूम उठे। जयघोष से समूचा पंडाल गूंज उठा।
आयोजक रामनाथ गुप्ता, दिग्विजय मद्धेशिया, हरीश चंद्र मिश्रा, पूर्व प्रधान भगवंत यादव, रमन साही, प्रियांशु मद्धेशिया, पवन मद्धेशिया, कौशल राय, शशिकांत मद्धेशिया, जय किशन मद्धेशिया आदि मौजूद रहे।
परमात्मा के गुणगान से मिलती मुक्ति
पनियहवा: मनुष्य को अपने जीवन काल का कुछ समय ईश्वर भक्ति में जरूर लगाना चाहिए। परमात्मा के गुणगान से ही मानव को मुक्ति मिलती है। यह बातें कथावाचक नंद भारद्वाज ने कही। वह छितौनी बाजार में चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन श्रद्धालुओं को कथा का रसपान करा रहे थे। उन्होंने कहा कि मानव जीवन दुर्लभ योनि है। यह बड़ी मुश्किल से मिल पाता है, हमें परमात्मा का सदैव गुणगान करना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा ऐसा मीठा फल है, जिसको चख लेने से भूख और बढ़ जाती है। इससे जीवन में सुख ही सुख प्राप्त होता है। भगवती चौरसिया, विश्वनाथ मद्धेशिया, राधेश्याम गुप्ता, अरविद मद्धेशिया, सीताराम गुप्त, विजय शर्मा, ठाकुर, अवधेश, रमेश मद्धेशिया, मुकेश गुप्ता, गोकरन आदि मौजूद रहे।