बौद्ध कला पर लगी छाया चित्र प्रदर्शनी
राजकीय बौद्ध संग्रहालय कुशीनगर में मंगलवार को बौद्ध कला पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी लगायी गयी। इसमें बौद्ध कला के विविध आयामों यथा स्थापत्य मूर्तिकला व चित्रकला आदि को छाया चित्रों के माध्यम से रोचक ढंग से प्रदर्शित किया गया। इसके अतिरिक्त प्रदर्शनी में अन्य देशों की बौद्ध कला के नमूनों को भी दर्शाया गया है।
कुशीनगर : राजकीय बौद्ध संग्रहालय कुशीनगर में मंगलवार को बौद्ध कला पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी लगायी गयी। इसमें बौद्ध कला के विविध आयामों यथा स्थापत्य, मूर्तिकला व चित्रकला आदि को छाया चित्रों के माध्यम से रोचक ढंग से प्रदर्शित किया गया। इसके अतिरिक्त प्रदर्शनी में अन्य देशों की बौद्ध कला के नमूनों को भी दर्शाया गया है।
स्थापत्य कला के तहत कुशीनगर, सारनाथ, अजंता तथा बोधगया में अवस्थित स्थापत्य संरचनाओं के छायाचित्र, मूर्तिकला में गांधार, मथुरा, अमरावती व सारनाथ शैली की प्रतिमाओं तथा चित्रकला के अंतर्गत अजंता के छायाचित्र प्रदर्शित किए गए हैं। बौद्ध मूर्तिकला में बुद्ध आदि की मूर्तियों का निर्माण कुषाण काल में महायान संप्रदाय के अस्तित्व में आने के बाद आरंभ हुआ था। इससे पूर्व बुद्ध व उनसे जुड़ी घटनाओं का अंकन विविध प्रतीकों यथा पदचिह्न, पीपल के वृक्ष, स्तूप तथा सिंह आदि के माध्यम से किया जाता था। प्रदर्शनी के अवलोकन से दर्शकों को बौद्ध कला के विकास व उसके विविध आयामों की जानकारी अत्यंत सहज ढंग से प्राप्त हो सकेगी।
संग्रहलयाध्यक्ष अमित द्विवेदी ने बताया कि प्रदर्शनी 31 मार्च तक रहेगी। धनंजय राय, तेज प्रताप शुक्ल, गोविद, आशीष, अंकित, मीरचंद्र आदि उपस्थित रहे।