दीन दुखियों की सेवा ही भगवत सेवा : अतुल कृष्ण
कुशीनगर के गौरीश्रीराम में चल रही रामकथा में कथा वाचक ने धनुषभंग व परशुराम-लक्ष्मण संवाद की कथा सुनाते हुए भगवान परशुराम के कार्यो पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कुशीनगर : गौरीश्रीराम स्थित जगदीश पब्लिक स्कूल के परिसर में आयोजित रामकथा के पांचवें दिन आचार्य अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि दीन दुखियों की सेवा करना है ही भगवत सेवा है।
उन्होंने धनुष भंग, परशुराम-लक्ष्मण संवाद व रामविवाह का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि विश्वामित्र ने उत्तर भारत को राक्षसों से मुक्त कराने के बाद श्री राम को मिथिला ले गए, जहां राम ने शिवधनुष तोड़कर सीता से विवाह रचाया। धनुष तोड़ने का प्रसंग समस्त विश्व को यह संकेत देना था कि पृथ्वी पर अब आसुरी शक्तियां नहीं रहेंगी। परशुराम-लक्ष्मण संवाद के माध्यम से उन्होंने बताया कि समाज की अव्यवस्था को दूर करने का प्रण लेने वाले परशुराम ने संवाद के माध्यम से श्री राम के अस्तित्व को समझा और अपनी चिताओं को उनके हवाले करते हुए अपने आराध्य की पूजा में लीन होने के लिए वापस लौट गए। इसके अलावा कथा वाचक ने बताया कि भगवान परशुराम ने किस प्रकार अपने समय में अत्याचारियों का नाश किया तथा पीड़ित मानवता को राहत प्रदान की।
मुख्य यजमान मदन मोहन पांडेय, आरएसएस इतिहास संकलन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डा. बालमुकुन्द पांडेय, अवधेश पांडेय, आचार्य उमेश पांडेय, नंद प्रकाश गुप्ता, बीबी राय, सुरेश राय आदि मौजूद रहे।
मंदिर निर्माण में अधिवक्ता ने दिया एक लाख का सहयोग
हाटा के श्रीनाथ संस्कृत महाविद्यालय में बन रहे संकटमोचन हनुमान मंदिर के निर्माण के लिए नगर के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिरुद्ध मिश्र ने एक लाख रुपये का सहयोग किया है। मंदिर का निर्माण कार्य सोमवार सुबह से प्रारंभ होगा।
अधिवक्ता ने यह राशि चेक के माध्यम से संस्था के मंत्री गंगेश्वर पांडेय को सौंपी। मिथिलेश मिश्र मौजूद रहे।