रूसी सैलानियों ने छठ पर्व की जानी महत्ता
कुशीनगर : सूर्य उपासना से जुड़े छठ पर्व की व्यापकता भारत तक ही सीमित नहीं है। विश्व के अनेक देशों में
कुशीनगर : सूर्य उपासना से जुड़े छठ पर्व की व्यापकता भारत तक ही सीमित नहीं है। विश्व के अनेक देशों में जहां भारतवासी रह रहे हैं, वहां भी पूरे श्रद्धाभाव के साथ मनाया जा रहा है। कुशीनगर भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली भ्रमण के लिए आए रूसी पर्यटक शनिवार की सुबह रामाभार बुद्ध कालीन हिरण्यवती नदी किनारे बुद्धा घाट पर पहुंचे तो वहां बने छठ घाट की सजावट एवं सुंदरता देख अभिभूत हो गए। कहा कि हमारे देश में भी भारतीय इस पर्व को बड़े ही घूमघाम एवं श्रद्धाभाव से मनाते हैं। आज यहां इस पर्व की हमें व्यापकता देखने को मिली जो अभिभूत करने वाली है। उन्होंने भारतवासियों को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दीं।
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मारिया एरोकनिवा ने कहा कि रूस में हिदू मंदिर कम है लेकिन भारत के पर्व उत्सवों, तीज, त्याहारों व समृद्ध, सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में हमने सुना और पढ़ा है।
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सर्गेई कुतलुनिन ने कहा कि पहली बार दीपावली और छठ पर्व के अवसर पर भारत आए हैं। यहां के पर्व में श्रद्धा और समर्पण का जो दृश्य देखने को मिला है वह दुनिया के किसी अन्य स्थान पर नहीं दिखता।
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नतालिवो बिरीनकोवा ने कहा कि कुशीनगर भ्रमण के दौरान रामाभार स्तूप के निकट हिरण्यवती नदी के बुद्धा घाट पर पहुंचे तो ज्ञात हुआ कि आज छठ का उत्सव मनाया जा रहा है। हम लोगों ने यहां के लोगों से त्योहार के बारे में जानकारी ली तो इसके महत्व का आभास हुआ।
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लगोर निवलिया ने कहा कि हम लोग जब इस अवसर पर रूस में रहेंगे तो वहां के भारतीय समुदाय से मिलकर इस पर्व के बारे में और विस्तृत जानकारी लेंगे। यहां यह सबकुछ देखने के बाद उत्सुकता बढ़ी है।