रिहायशी इलाके में पहुंचा नदी का पानी, डीह टोला पर खतरा
नारायणी नदी घटते जलस्तर को हथियार बना एपी तटबंध के समानांतर खतरनाक हो चली है। वर्तमान में बांध के अंतिम छोर पर बसे गांव अहिरौलीदान का डीह टोला निशाने पर है।
कुशीनगर: नारायणी नदी घटते जलस्तर को हथियार बना एपी तटबंध के समानांतर खतरनाक हो चली है। वर्तमान में बांध के अंतिम छोर पर बसे गांव अहिरौलीदान का डीह टोला निशाने पर है। नदी खतरे के निशान से 1.40 मीटर नीचे बह रही है। चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। इसका दबाव एपी बांध के किमी .800 से किमी 1.000 पिपराघाट-जंगली पट्टी, किमी 13.000 बाघाचौर नोनियापट्टी, किमी 13.800 खैरखूंटा, किमी. 14.500 कचहरी टोला, किमी 15.000 डीह टोला पर सर्वाधिक है। लोग अपने-अपने घरों को उजाड़ने में लगे हुए हैं। 150 घरों की आबादी वाले कचहरी टोला में बीते वर्ष कटान के बाद सिर्फ 10 घर बचे हैं। यहां नदी आबादी से सटकर बह रही है और इसके वजूद पर खतरा मंडरा रहा है। मंगलवार को नदी की धारा डीह टोला की आबादी में पहुंची और दीनानाथ के घर से मात्र 40 मीटर दूर बह रही है। सहायक अभियंता पीसी त्रिपाठी ने बताया कि संवेदनशील प्वाइंटों पर बचाव कार्य तेज करा दिया गया है। इधर बैराज मैकेनिक मेंटीनेंस के सहायक अभियंता एसपी सिंह ने बताया कि बांध पर बढ़ रहे नदी के दबाव को कम करने के लिए डोजर मशीन से ड्रेजिग कर नया चैनल बनाकर नदी के दबाव को काफी हद तक कम कर दिया गया है। मौजूदा समय में नदी का जल स्तर घटने से चैनल की गहराई कम हुई है, पर निरंतर पानी का प्रवाह कम हो रहा है।
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15 से 23 जुलाई तक नदी का जल स्तर
सेवरही : एक पखवारा पूर्व हुए अतिवृष्टि के बाद नदी का जलस्तर खतरे के निशान के इर्दगिर्द चल रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते 15 जुलाई को जलस्तर 75.15 मीटर, 16 जुलाई 75.35 मीटर, 17 जुलाई 75.25 मीटर, 18 जुलाई 74.75 मीटर, 19 जुलाई 74.75 मीटर, 20 जुलाई 74.70 मीटर, 21 जुलाई 74.10 मीटर, 22 जुलाई 74.20 मीटर रहा। 23 जुलाई को जलस्तर 74.80 मीटर पर पहुंच गया जो खतरा के निशान से 1.40 मीटर नीचे है। पिपराघाट में खतरा का निशान 76.20 मीटर पर दर्ज है।