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सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद

बीते दिनों मूसलाधार वर्षा के बाद जलजमाव से तहसील क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो चुकी है। अधिकतर खेतों में अब भी पानी भरा होने के कारण किसान अपना सिर पीट रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 12:00 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 06:25 AM (IST)
सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद
सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद

कुशीनगर : बीते दिनों मूसलाधार वर्षा के बाद जलजमाव से तहसील क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो चुकी है। अधिकतर खेतों में अब भी पानी भरा होने के कारण किसान अपना सिर पीट रहे हैं। मानसून की पहली बरसात से ही निचले इलाकों वाले खेतों में पानी भरने के बाद जुलाई के प्रथम सप्ताह में भीषण बारिश से धान की फसल के साथ साथ सब्जी, मक्का आदि फसल बर्बाद हो गई। जलजमाव के कारण गन्ने की खेती प्रभावित हुई है। खरीफ की फसल बर्बाद होने के बाद क्षेत्र के किसान शासन की ओर मदद के लिए टकटकी लगाए हैं। अब तक हाटा तहसील क्षेत्र को आपदा प्रभावित क्षेत्र न घोषित होने से किसानों में निराशा है। सुकरौली विकास खंड के बेन्दुआर निवासी व्यास सिंह ने कहा कि लगभग 16 हजार रुपये खर्च कर दो एकड़ धान की रोपाई कराया था, पर बारिश ने फसल को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने सर्वे करा कर किसानों को सहायता दिलाने की मांग की। कोहरौली निवासी विश्राम सिंह ने कहा कि तीन एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है। अब भी खेतों में पानी जमा होने से अन्य फसल की बुवाई भी नहीं हो पाएगी। इसी गांव के मनोज यादव, रामजी सिंह राम जी सिंह आदि किसान भी बारिश के कारण धान की फसल चौपट होने से परेशान हैं। सुकरौली निवासी चंद्रिका ने कहा कि बारिश ने किसानों का कमर तोड़कर रख दिया है। सहायता नहीं मिली,तो किसानों के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो जाएगा। थरुआडीह निवासी तारकेश्वर दुबे ने कहा कि क्षेत्र के सैकड़ों किसानों की फसल बर्बाद होने से गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। हाटा फोरलेन ओवरब्रिज को बनाते समय जलनिकासी के लिए समुचित प्रबंध न होने का खामियाजा थरुआडीह, ढाढ़ा, मुजहना रहीम के किसानों को जलजमाव व फसल की बर्बादी के रूप में भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने सर्वे करा कर किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग की।

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