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बिना कन्वर्जन कास्ट के कागजों में पक रहा एमडीएम

परिषदीय विद्यालयों की खराब स्थिति सुधार कांवेंट स्कूल बनाने के लिए सरकार भले ही दावा कर रही है लेकिन हकीकत कोसों दूर है। स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के लिए कन्वर्जन कास्ट नहीं पहुंच रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 11:39 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 11:39 PM (IST)
बिना कन्वर्जन कास्ट के कागजों में पक रहा एमडीएम
बिना कन्वर्जन कास्ट के कागजों में पक रहा एमडीएम

कुशीनगर : परिषदीय विद्यालयों की खराब स्थिति सुधार, कांवेंट स्कूल बनाने के लिए सरकार भले ही दावा कर रही है, लेकिन हकीकत कोसों दूर है। स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के लिए कन्वर्जन कास्ट नहीं पहुंच रहा है। टेकुआटार क्षेत्र के अधिकतर परिषदीय विद्यालयों में यही स्थिति है। ब्लाक संसाधन केंद्र रामकोला क्षेत्र में कुल 221 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इसमें 50 जूनियर तो 171 प्राथमिक विद्यालय हैं। गैर मान्यता वाले कुछ विद्यालय बंद होने से परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का नामांकन बढ़ कर 21161 हो गया है। रामकोला क्षेत्र के 56 से अधिक स्कूलों में कई महीनों से एमडीएम के लिए कन्वर्जन कास्ट खाते में नहीं आ रहा है। अध्यापक अपनी नौकरी बचाने के चक्कर में अपनी जेब से हजारों रुपये का एमडीएम बनवा कर बच्चों को खिला चुके हैं।

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माइनस में हैं एमडीएम के खाते परिषदीय स्कूलों में गरम भोजन बनाने के लिए जांच के बाद प्रतिदिन लखनऊ तक रिपोर्ट भेजी जाती है। बावजूद इसके योजना को मुंह की खानी पड़ रही है। कई महीनों से प्राथमिक विद्यालय सिहुलिया मठिया में 35000, परोरहा में 72000, बड़हरा बाबू में 55000, अंमडरिया 26000 तथा सिधावट 46000 रुपये का भोजन अध्यापक अपने जेब से बनवा चुके हैं। इसी तरह चार दर्जन से अधिक और भी स्कूलों के खाते में बैलेंस नहीं हैं।

-- जिन विद्यालयों में एमडीएम के लिए पैसे नहीं हैं, उनकी रिपोर्ट मांगी गई है। शीघ्र ही सभी विद्यालयों को कन्वर्जन कास्ट का धन उपलब्ध करा दिया जाएगा।

अरुण कुमार, बीएसए


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