थाई चैत्य में राजकुमारी करेंगी विशेष अनुष्ठान
कुशीनगर के थाई बुद्ध मोनास्ट्री में बने चैत्य (स्तूप) को थाई राजकुमारी चुलबोर्न के विशेष अनुष्ठान के लिए तैयार किया गया है। बीते छह माह से इसकी साज-सज्जा और रंग-रोशन का कार्य कराया जा रहा था। यह चैत्य अपने आप में विशेष है। इसलिए राजकुमारी यहां विशेष अनुष्ठान करेंगी।
कुशीनगर : कुशीनगर के थाई बुद्ध मोनास्ट्री में बने चैत्य (स्तूप) को थाई राजकुमारी चुलबोर्न के विशेष अनुष्ठान के लिए तैयार किया गया है। बीते छह माह से इसकी साज-सज्जा और रंग-रोशन का कार्य कराया जा रहा था। यह चैत्य अपने आप में विशेष है। इसलिए राजकुमारी यहां विशेष अनुष्ठान करेंगी। इसकी डिजाइन दिवंगत महाराजा भूमिबोल अदुल्यदेज ने स्वयं तैयार कर निर्माण में अपना निजी सहयोग किया था। इसका शिलान्यास राजकुमारी महाचक्रीसिरोंधान ने वर्ष 2000 में किया था। इन्होंने ही वर्ष 2005 में इसका उद्घाटन भी किया था। इसमें बुलेट प्रूफ शीशे के आवरण में भगवान बुद्ध का मूल धातु अवशेष रखा गया है। यह धातु अवशेष कपिलवस्तु की पुरातात्विक खोदाई में प्राप्त हुआ था। गोरखपुर के अंग्रेज आयुक्त ने श्रद्धापूर्वक थाईलैंड के राजा को यहां से प्राप्त धातु अवशेष उपहार स्वरूप प्रदान किया था। राजकुमारी महाचक्रीसिरोंधान ने 2005 में चैत्य के उद्घाटन के अवसर पर बैंकाक से लाकर वह धातु अवशेष इसमें स्थापित किया था। दिवंगत महाराजा अदुल्यदेज के सिर के बाल भी यहां सुरक्षित रखे गए हैं।