यह राष्ट्रीय राजमार्ग है,
कहने को राष्ट्रीय राजमार्ग है लेकिन गड्ढे ऐसे कि चल पाना मुश्किल है। गड्ढों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं भी हो रहीं हैं लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण उदासीन बना हुआ है।
कुशीनगर: कहने को राष्ट्रीय राजमार्ग है लेकिन गड्ढे ऐसे कि चल पाना मुश्किल है। गड्ढों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं भी हो रहीं हैं लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण उदासीन बना हुआ है।
यह हाल एनएच 28 बी का है। वैसे तो कसया नगर से पनियहवा तक 56 किमी लंबी सड़क कई जगह खराब है लेकिन पनियहवा, पडरौना नगर छावनी, सरगटिया, नदुआ रायगंज में ऐसे गड्ढे हो गए हैं, जिन पर आवागमन कठिन हो गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 28 बी के पनियहवा चौराहे के रेलवे ढाला पर ओवरब्रिज का निर्माण हो रहा है। यहां भी सड़क बदहाल हो गई है। बड़े वाहन यहां अक्सर गड्ढों में फंस जाते हैं। मंगलवार को चीनी मिल बगहां के लिए रोलर लेकर जा रहा ट्रक गड्ढे में पलट गया। यह स्थिति तब है जब सड़क मरम्मत के लिए एसडीएम सदर अरविंद कुमार, प्राधिकरण और रेलवे को काफी पहले पत्र लिख चुके हैं। एनएच में बने गड्ढों में आए दिन कोई न कोई गाड़ी फंस जाती है। उसे निकालने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ती है। बारिश हो जाने पर तो यहां स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है। हर कदम पर गाड़ियों के पलटने का डर बना रहता है। लोगों को आवागमन में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। गड्ढों को शीघ्र भरना अति आवश्यक है। समस्या समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों से भी शिकायत की जा चुके है, लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा है। अब आंदोलन ही एक रास्ता है। दिन में तो सड़क के गड्ढे दिख जाते हैं, लेकिन रात में गड्ढे नजर ही नहीं आते हैं। ऐसे में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। दो पहिया हो या चार पहिया वाहन, चालकों का रास्ता पार करना मुश्किल होता है। यह समस्या काफी दिनों से बनी हुई है। परेशान हाल लोगों ने इसे लेकर कई बार प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने समस्या के हल करने का आश्वासन दिया, लेकिन सड़क बनने को कौन कहे और टूटती चली गई। आईओडब्ल्यू एनसी अग्रवाल ने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत के लिए कार्यदायी संस्था को निर्देश दिया गया है। क्यों विलंब हो रहा है, इसे दिखवाया जाएगा।