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अशफाक की फर्राटेदार अंग्रेजी में फंस गई पुलिस

बैरागी पट्टी गांव की मस्जिद में हुए विस्फोट की जांच आगे बढ़ने के साथ ही नए-नए तथ्य सामने आ रहे है। विस्फोटक को मस्जिद तक पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले कुतुबुद्दीन का पोता अशफाक पूरी साजिश का प्रमुख सूत्रधार बताया जा रहा है। विस्फोट के बाद वह घटनास्थल पर ही मौजूद था। एक प्रशासनिक अधिकारी ने पूरे मामले में उसकी भूमिका पर संदेह जताते हुए उसे गिरफ्तार करने का इशारा भी किया लेकिन खुद को सेना का मेजर बताने और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने से पुलिस वाले उसके अर्दब में आकर फंस गए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 12:01 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 12:01 AM (IST)
अशफाक की फर्राटेदार अंग्रेजी में फंस गई पुलिस
अशफाक की फर्राटेदार अंग्रेजी में फंस गई पुलिस

कुशीनगर : बैरागी पट्टी गांव की मस्जिद में हुए विस्फोट की जांच आगे बढ़ने के साथ ही नए-नए तथ्य सामने आ रहे है। विस्फोटक को मस्जिद तक पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले कुतुबुद्दीन का पोता अशफाक, पूरी साजिश का प्रमुख सूत्रधार बताया जा रहा है। विस्फोट के बाद वह घटनास्थल पर ही मौजूद था। एक प्रशासनिक अधिकारी ने पूरे मामले में उसकी भूमिका पर संदेह जताते हुए उसे गिरफ्तार करने का इशारा भी किया लेकिन खुद को सेना का मेजर बताने और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने से पुलिस वाले उसके अर्दब में आकर फंस गए। जिसका लाभ उठाकर वह भाग निकलने में सफल हो गया। एटीएस की जांच-पड़ताल में पूरे मामले में उसकी प्रमुख भूमिका होने का पता चला है।

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मस्जिद में विस्फोट के बाद पुलिस जब मौके पर पहुंची तो अशफाक मौके पर मौजूद मिला। पुलिस वालों के पहुंचते ही खुद को सेना का मेजर बताते हुए उसने उन्हें आदेश-निर्देश देना शुरू कर दिया। हद तो यह हो गई प्रथमदृष्टया उसकी भूमिका पर संदेह होने के बाद भी स्थानीय पुलिस उसकी हर बात एस सर, नो सर से अधिक कुछ बोल ही नहीं पा रही थी। इतना ही पुलिस अधिकारी भी उससे प्रभावित होकर सामान्य पूछताछ करने का भी साहस नहीं जुटा पाए। हालांकि एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने अशफाक की आईडी मांगी तो वह दिखाने की बजाय उनसे बहस करने लगा।

प्रशासनिक अधिकारी ने उसकी शैली को अनुचित बताते हुए फटकार लगाई तो उसने स्वीकार किया कि वह 2017 में ही सेवानिवृत्त हो गया था। उसने अपनी आइडी हैदराबाद के आर्मी अस्पताल में जमा होने का दावा किया। प्रशासनिक अधिकारी की सख्ती देख अशफाक इसके बाद मौका देखकर वहां से गायब हो गया। पूरे प्रकरण में फौरी तौर पर जिले की पुलिस टीम की लापरवाही सामने आई है। यदि पुलिस ने मामले की गंभीरता समझी होती तो घटना के तत्काल बाद ही अशफाक उसकी गिरफ्त में होता।

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10 किलो से अधिक था विस्फोटक

फोरेंसिक जांच के बाद विशेषज्ञों ने मस्जिद में 10 किलो से अधिक विस्फोटक होने का अनुमान लगाया है। इसीलिए विस्फोट इतना जबरदस्त हुआ था कि डेढ़ किलोमीटर की परिधि में धमका सुना गया। विस्फोट के बाद मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम और बम निरोधी दस्ते ने पहले ही दिन बारूद से विस्फोट होने की पुष्टि कर दी थी।


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