आराम हुआ बहुत,अब करेंगे काम
यहां रहते-रहते सभी लोग उब चुके हैं। अब काम पर लौटने की बारी है। साले के बारे में बताया कि वह हिसार में टेक्सटाइल मिल में काम करते हैं उनकी भी कंपनी ने बुलाया है। इसलिए हम सभी लोग साथ जाएंगे।
कुशीनगर: लॉकडाउन के दौरान घर आए तो लंबे अरसे बाद परिवार के साथ रहने का मौका मिला। गांव से लेकर जवार के लोगों में इस बात को लेकर खुशी रही कि कम से कम इसी बहाने तो सब लोग एक साथ हैं। अब लगभग 64 दिन घर रहने के बाद लोग वापसी के लेकर ट्रेन का रिजर्वेशन कराने में लगे हैं।
सेवरही विकास खंड के गांव बसडीला बुजुर्ग निवासी सुरमन पाठक वापसी के लिए 10 को शहीद एक्सप्रेस ट्रेन से जाने के लिए रिजर्वेशन करा चुके हैं। घर बैठे उब चुके पत्नी व बच्चे भी साथ जाने की जिद कर रहे थे। इसलिए उनका भी टिकट कराया हूं। पंजाब के फगवाड़ा में टेक्सटाइल मिल में फोरमैन के पद पर तैनात सुरमन कहते हैं कि सेलरी समेत अन्य भत्ते मिलाकर 15 से 17 हजार रुपये मिल जाते हैं। इसके अलावा कंपनी में रहने व खाने की सुविधा है। कहते हैं कि आराम बहुत हुआ, अब काम करने की बारी है। इसलिए जा रहा हूं। लॉकडाउन में ही इसी गांव में ससुराल आए अंगद चौबे हरियाणा के गुड़गांव में सिक्योरिटी गार्ड इंचार्ज के रूप में काम करते हैं। ये मूलत: सिवान जिला स्थित गड़वार गांव के रहने वाले हैं। कंपनी के बुलावा आने पर चार जून को गोरक्षधाम से दिल्ली जाने के लिए तैयार हैं। पत्नी समेत पांच लोग व साले गोपीनाथ पाठक के परिवार के साथ यात्रा करेंगे। कहते हैं कि परिवार सहित रहने में खर्चे अधिक हैं। सेलरी व अन्य भत्ते 12 से 14 हजार के बीच मिलता है। यहां रहते-रहते सभी लोग उब चुके हैं। अब काम पर लौटने की बारी है। साले के बारे में बताया कि वह हिसार में टेक्सटाइल मिल में काम करते हैं उनकी भी कंपनी ने बुलाया है। इसलिए हम सभी लोग साथ जाएंगे।