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कुशीनगर के गन्ने से चलेगी पिपराइच व गड़ौरा चीनी मिल

कुशीनगर के गन्ने की तौल के लिए गोरखपुर की पिपराइच चीनी मिल को मिले तीन और तौल केंद्र क्रय केंद्रों में बदलाव से किसानों को होगी परेशानी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 11:09 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 11:09 PM (IST)
कुशीनगर के गन्ने से चलेगी पिपराइच व गड़ौरा चीनी मिल
कुशीनगर के गन्ने से चलेगी पिपराइच व गड़ौरा चीनी मिल

कुशीनगर: शासन स्तर पर की गई नई व्यवस्था में कुशीनगर की दो चीनी मिलों के पांच तौल केंद्रों से होने वाले गन्ने की आपूर्ति से महराजगंज की गड़ौरा चीनी मिल चलेगी। इसके लिए विभाग ने गन्ने के आवंटन के साथ क्रय केंद्र भी निर्धारित कर दिए हैं।

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वित्तीय वर्ष 2020-21 में खड्डा के तीन केंद्रों में बाल गोविद छपरा, हरिहरपुर, शिवपुर, कप्तानगंज के मदनपुर, कलनहीं को जेएचबी शुगर मिल गड़ौरा व बाजार टोला रामकोला चीनी मिल क्षेत्र में शामिल किया गया है। कप्तानगंज के सेवक छपरा को ढाढ़ा व पिपराइच को पिछले वर्ष आवंटित कुर्मी पट्टी प्रथम रामकोला में सम्मिलित किया गया है। रामकोला के तीन केंद्र पूरनहां, कटाई भरपुरवा, छितौनी प्रथम का गन्ना पिपराइच को मिला है। मिलों को यह मिला आवंटन

चीनी मिल क्रय केंद्र गन्ना (लाख क्विटल)

खड्डा- चार 40.95

रामकोला पी- 35 151.51

कप्तानगंज- 21 52.58

सेवरही- 34 124.88

ढाढ़ा- 43 132.47

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पिपराइच (गोरखपुर)- 17 24.84

गड़ौरा (महराजगंज)- पांच 3.24 पिछले सत्र में रहे केंद्र

बीते सत्र में खड्डा में सात, रामकोला में 38, कप्तानगंज में 28, सेवरही में 37, ढाढ़ा में 60, पिपराइच (गोरखपुर) में 14 क्रय केंद्र बनाए गए थे। बंद चीनी मिल परिक्षेत्र के किसानों को होगी परेशानी

पहले से बंद चीनी मिलों में पडरौना, कठकुइयां, लक्ष्मीगंज, छितौनी व रामकोला परिक्षेत्र के गन्ने का आवंटन पिछली बार नजदीकी क्रय केंद्रों को किया गया था। इस बार भी उसी तरह विभाग ने किया है। यह है मिलों की पेराई क्षमता

-खड्डा-1600 टीसीडी (टन क्रश पर डे)

-रामकोला पी-6500 टीसीडी

-कप्तानगंज-6000 टीसीडी

-सेवरही-5000 टीसीडी

-ढाढ़ा-8000 टीसीडी

-पिपराइच-5000 टीसीडी

-गड़ौरा-4500 टीसीडी गन्ने के आवंटन के साथ क्रय केंद्रों का निर्धारण हो गया है। कुछ क्रय केंद्र खत्म करते हुए दूसरे से जोड़ दिया गया है। मिल प्रबंधन को निर्देशित किया गया है कि वह गन्ना पेराई के 14 दिन के भीतर किसानों को भुगतान करें। इसमें लापरवाही मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।

वेद प्रकाश सिंह, जिला गन्ना अधिकारी, कुशीनगर


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