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कुशीनगर में सिर्फ 1049 लोगों का हुआ टीकाकरण

्रकुशीनगर में कोरोना टीकाकरण अभियान के दौरान त्योहार की वजह से दोपहर बाद लोग घर से निकले जिले में अब तक 1939782 लोगों को लगा टीका।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 12:25 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 12:25 AM (IST)
कुशीनगर में सिर्फ 1049 लोगों का हुआ टीकाकरण
कुशीनगर में सिर्फ 1049 लोगों का हुआ टीकाकरण

कुशीनगर : कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोग टीका लगवाने के प्रति जागरूक हो गए हैं, लेकिन गुरुवार नवरात्र का अंतिम दिन होने की वजह से केंद्रों पर अन्य दिनों की अपेक्षा भीड़ कम रही है। दोपहर बाद जो लोग पहुंचे, जिनका टीकाकरण हुआ। जिले के 25 केंद्रों पर 1049 लोगों का टीकाकरण हुआ।

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अभियान के दौरान 18 प्लस में 299 को प्रथम व 627 को द्वितीय, 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 24 को प्रथम व 99 को द्वितीय डोज दी गई। जबकि कलस्टर अप्रोच में 18 प्लस, 45 प्लस में किसी ने टीका नहीं लगवाया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा.संजय गुप्ता ने कहा कि न बरतें लापरवाही, तत्काल टीका लगवाएं। सहायक शोध अधिकारी विनोद शाह ने बताया कि अब तक कुल 1939782 लोगों का टीकाकरण हो चुका है, जिसमें 1587234 को प्रथम व 352548 को द्वितीय डोज शामिल है।

907 लोगों की मिली रिपोर्ट सभी निगेटिव

कुशीनगर में कोरोना संक्रमितों की संख्या गुरुवार को भी शून्य रही। 907 लोगों की जांच रिपोर्ट मिली, इनमें सभी निगेटिव हैं। एक भी सक्रिय केस नहीं हैं। सीएमओ डा. सुरेश पटारिया ने बताया कि अब तक 15617 संक्रमितों में से 15390 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। आमजन से आह्वान किया कि कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन करें।

शिकायतकर्ता को पता नहीं, मामला निस्तारित

रामकोला थाने के साहबगंज निवासी अंशु वर्मा ने सीएचसी की नर्स और एएनएम की लापरवाही की मुख्यमंत्री के पोर्टल समेत उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी। कब इसकी जांच हुई, शिकायतकर्ता को पता नहीं है और मामले को निस्तारित कर दिए जाने का मैसेज उनके मोबाइल पर आ गया।

शिकायतकर्ता अंशु ने बताया कि 25 सितंबर को पत्नी चांदनी वर्मा का प्रसव कराने के लिए रात में 10.40 बजे रामकोला सीएचसी गए थे। उस समय जिस नर्स व एएनएम की ड्यूटी थी वह गायब थीं। सूचना देने के बाद भी दोनों नहीं आई। सुबह करीब 4.30 बजे आईं, बिना कोई उपचार किए शाम तक बच्चा होने की बात कहकर घर भेज दिया। पत्नी को भर्ती करने को कहा तो दोनों ने अपमानित कर अस्पताल से चले जाने को कहा। मजबूर होकर पत्नी को कप्तानगंज सीएचसी में ले गया। वहां सुबह आठ बजे लड़की पैदा हुई। इस मामले की शिकायत 28 सितंबर को सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी से, दो अक्टूबर को संपूर्ण समाधान दिवस में व चार अक्टूबर को डीएम व सीएमओ से की। दो बार मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत की थी। बिना जांच किए ही फर्जी तरीके से निस्तारण कर दिया गया है।


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