वन्य जीवों के न रहने से बिगड़ जाएगा प्रकृति का संतुलन : रेंजर
मानव पर्यावरण और वन्यजीव एक दूसरे से किसी न किसी रूप में जुड़े हैं। पर्यावरण से ही मानव का जीवन सम्भव है। स्वस्थ रहने व ऊर्जा प्राप्त करने के लिये पर्यावरण को शुद्ध व साफ सुथरा रखना जरूरी है। इसके लिए वन व वन्यजीवों का संरक्षण आवश्यक है। वन्य जीवों के न रहने से प्रकृति का संतुलन बिगड़ जाएगा।
कुशीनगर : मानव, पर्यावरण और वन्यजीव एक दूसरे से किसी न किसी रूप में जुड़े हैं। पर्यावरण से ही मानव का जीवन सम्भव है। स्वस्थ रहने व ऊर्जा प्राप्त करने के लिये पर्यावरण को शुद्ध व साफ सुथरा रखना जरूरी है। इसके लिए वन व वन्यजीवों का संरक्षण आवश्यक है। वन्य जीवों के न रहने से प्रकृति का संतुलन बिगड़ जाएगा।
यह बातें दुदही विकास खंड के ग्राम पंचायत रकबा दुलमा पट्टी के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय परिसर भगवानपुर में सामाजिक वानिकी वन प्रभाग के तमकुही रेंज के तत्वावधान में आयोजित वन्य जीव सप्ताह गोष्ठी में छात्रों को जागरूक करते हुए वन क्षेत्राधिकारी नृपेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने कही। वन दारोगा शिवजी कुशवाहा ने कहा अक्टूबर महीने की एक से सात तारीख तक वन्य जीव सप्ताह मनाते हैं। वन्यजीव पर्यावरण का एक अभिन्न अंग हैं। इसमें जंगली जानवर, पक्षी, पौधे आदि शामिल हैं। वन्यजीव व पर्यावरण की सुरक्षा के हमें लिए जागरूक रहना होगा।
वन दारोगा खुशहाल कुशवाहा, प्रधानाध्यापक विमलेश प्रताप सिंह, शिक्षक धनन्जय मिश्र, वनकर्मी मुन्ना पाठक, कल्पनाथ मौर्य, राजकिशोर मिश्र, संजय सिंह, दिनेश उपाध्याय, अनीता कुशवाहा आदि मौजूद रहे।