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ओडीएफ जिले में शौचालय अब भी अधूरे

खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) जिले में शौचालय अब भी अधूरे हैं। दो बार हुए सर्वे में 37376 नए शौचालय बनवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन वह बन नहीं सके। डीपीआरओ ने प्रधान-सचिवों को 31 जनवरी तक शौचालय पूर्ण कराने का अंतिम मौका दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 12:25 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 12:25 AM (IST)
ओडीएफ जिले में शौचालय अब भी अधूरे
ओडीएफ जिले में शौचालय अब भी अधूरे

कुशीनगर : खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) जिले में शौचालय अब भी अधूरे हैं। दो बार हुए सर्वे में 37376 नए शौचालय बनवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन वह बन नहीं सके। डीपीआरओ ने प्रधान-सचिवों को 31 जनवरी तक शौचालय पूर्ण कराने का अंतिम मौका दिया है।

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पंचायती राज विभाग का दावा है कि जनपद को ओडीएफ बनाने के लिए 3.65 लाख शौचालय बनवाए गए हैं। छूटे परिवारों में शौचालय बनवाने के लिए दो बार सर्वे किया गया, जिसमें 37376 नए पात्र सामने आए। इनमें से अधिकांश शौचायल पूरे हो गए हैं, जो अधूरे हैं वहां काम चल रहा है। जबकि हाटा के अहिरौली राजा, पतया, गोबरहीं, भठही, चेगौंना, रामपुर पट्टी, बकनहां, भैंसहीं, डुमरी चुरामन छपरा, कुरहवां, परेवाटार, फरीदपुर गांवों के बाहर फैली गंदगी शौचालय बनने के विभागीय दावों की पोल खोल रही है।

सदर, खड्डा, नेबुआ नौरंगिया, कप्तानगंज, रामकोला, हाटा, सुकरौली, मोतीचक, कसया, फाजिलनगर, तमकुहीराज, सेवरही, दुदही, विशुनपुरा विकास खंड में बड़ी तादाद में शौचालय अधूरे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान व सचिव से शिकायत के बावजूद काम पूरा नहीं हो रहा है।

सुकरौली के पटनी गांव में शौचालय निर्माण कराने के लिए जहां ग्रामीणों को भटकना पड़ रहा है, वहीं फेंकू प्रसाद, कैलाश जैसे सैकड़ों ग्रामीण ऐसे हैं जिन्हें अधूरे शौचालय पूरा कराने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। कहीं टंकी नहीं बन सकी, तो कहीं शौचालय में सीट लगना बाकी है। वर्जन

जिन गांवों में शौचालय अधूरे हैं या उसे पूरा कराने के लिए प्रधान व सचिवों को निर्देशित किया गया है। छूटे परिवारों का शौचालय का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। अंतिम मौका 31 जनवरी तक दिया गया है।

आरके द्विवेदी, जिला पंचायतराज अधिकारी, कुशीनगर


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