बांध कटने का खतरा, दहशत में ग्रामीण
एक पखवारे से एपी बांध के किनारे कटान से तांडव मचा रही नारायणी के निशाने पर ग्राम बाघाचौर व अहिरौलीदान हैं। तैयार फसलों को नदी अपने आगोश में समेटती आबादी की तरफ बढ़ रही है।
कुशीनगर : एक पखवारे से एपी बांध के किनारे कटान से तांडव मचा रही नारायणी के निशाने पर ग्राम बाघाचौर व अहिरौलीदान हैं। तैयार फसलों को नदी अपने आगोश में समेटती आबादी की तरफ बढ़ रही है। बांध के कटने का खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीण भयभीत हैं। पलायन की तैयारी में जुट गए हैं।
ग्राम पंचायत बाघाचौर के नोनियापट्टी के सामने किमी 12.500 का स्लोप कट गया है। यहां नदी और बांध के बीच कुछ मीटर की दूरी बच गई है। बांध के कटने का खतरा मंडराने लगा है। पिपराघाट में नदी पीडब्ल्यूडी की सड़क को काट रही है। यहां भी बांध से सड़क की दूरी महज 10 मीटर शेष रह गया है। इसके बावजूद विभागीय तंद्रा नहीं टूट रही। गत वर्षों में 150 घरों वाले कचहरी टोला में अब महज एक दर्जन घर बचे हैं। नदी के निशाने पर ब्रह्मदेव सिंह, सूर्यदेव सिंह, विक्रमा, दीनानाथ, सूर्यदेव, जीतन, शिवजी आदि का घर है।
धन के अभाव में नहीं हो रहा बचाव कार्य : अधिशासी अभियंता
सेवरही : बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता भरत राम ने कहा कि धन की कमी है। इस नाते बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाया है। परियोजना बनाकर शासन को भेजा गया है, कितु अभी तक परियोजना स्वीकृत नहीं हुआ है।