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सीएचसी बदहाल, दवाओं का टोटा

विकास खंड की दो लाख 80 हजार आबादी के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी संभालने वाली दुदही सीएचसी खुद ही बदहाल है। 30 शैय्या वाले इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो चिकित्सक एक चीफ फार्मासिस्ट दो फार्मासिस्ट एक महिला स्टाफ नर्स एक पुरुष स्टाफ नर्स एक एक्स-रे टेक्नीशियन एक एलटी एक नेत्र सहायक एक वाशरमैन एक चौकीदार व एक दाई तैनात हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 11:48 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 11:48 PM (IST)
सीएचसी बदहाल, दवाओं का टोटा
सीएचसी बदहाल, दवाओं का टोटा

कुशीनगर: विकास खंड की दो लाख 80 हजार आबादी के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी संभालने वाली दुदही सीएचसी खुद ही बदहाल है। 30 शैय्या वाले इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो चिकित्सक, एक चीफ फार्मासिस्ट, दो फार्मासिस्ट, एक महिला स्टाफ नर्स, एक पुरुष स्टाफ नर्स, एक एक्स-रे टेक्नीशियन, एक एलटी, एक नेत्र सहायक, एक वाशरमैन, एक चौकीदार व एक दाई तैनात हैं। मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती नाकाफी है। लोगों का आरोप है कि कभी भी प्रभारी चिकित्साधिकारी ओपीडी में नहीं बैठते, चीफ फार्मासिस्ट मनोज कुमार राय व स्टाफ नर्स पुरुष योगेंद्र तिवारी ही ओपीडी संभालते हैं। महिला सर्जन की आज तक नियुक्ति नहीं हुई, संविदा पर दो महिला चिकित्सकों की तैनाती है। अस्पताल में दवाओं का हमेशा टोटा रहता है। दुदही सीएचसी से चार न्यू पीएचसी पृथ्वीपुर, ठाढ़ीभार, रामपुर बरहन व चाफ जुड़ी हैं, उनकी भी हालत दयनीय है। सीएचसी प्रभारी डा. एके पाण्डेय ने कहा कि आरोप निराधार है, मेरे सहित तीन चिकित्सक रोजाना ओपीडी में बैठते हैं। अस्पताल में दवाओं की कोई कमी नहीं है। किसी दिन हो सकता है, कोई दवा उपलब्ध न रही हो।

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