सिगापुर की तरह कुशीनगर में बनेगा वाकिग टूरिस्ट जोन
सिगापुर की तर्ज पर कुशीनगर में वाकिग टूरिस्ट जोन विकसित किया जाएगा। इसके लिए मुख्य मंदिर मार्ग का चयन किया गया है। मार्ग पर पर्यटक पैदल ही घूमेंगे। इस पर कोई वाहन नहीं चलेगा। इसका उद्देश्य मंदिर क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त व शांतिपूर्ण बनाना है। साथ ही साथ पर्यटकों का ठहराव बढ़ाने की भी योजना है।
कुशीनगर : सिगापुर की तर्ज पर कुशीनगर में वाकिग टूरिस्ट जोन विकसित किया जाएगा। इसके लिए मुख्य मंदिर मार्ग का चयन किया गया है। मार्ग पर पर्यटक पैदल ही घूमेंगे। इस पर कोई वाहन नहीं चलेगा।
इसका उद्देश्य मंदिर क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त व शांतिपूर्ण बनाना है। साथ ही साथ पर्यटकों का ठहराव बढ़ाने की भी योजना है। मुख्य मंदिर मार्ग को विकसित करके शोभाकार पेड़ पौधे लगाए जाएंगे। पर्यटकों को आराम करने के लिए सड़क के किनारे स्ट्रीट फर्नीचर की भी व्यवस्था होगी। मंदिर मार्ग पर वाहनों की आवाजाही से प्रदूषण बढ़ता है। इसका प्रभाव पर्यटकों और प्राचीन स्मारकों पर भी पड़ता है। इसलिए इस क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। पर्यटकों के वाहन इस क्षेत्र की सीमा पर ही बने निर्धारित पार्किंग स्थल पर रुकेंगे। पर्यटक यहां से पैदल चलकर अपने धर्मशाला और होटल पहुंचेंगे। उसके बाद रामाभार स्तूप तक मंदिर मार्ग के दोनों तरफ स्थित दर्शनीय स्थलों का अवलोकन करेंगे। शांतिपूर्ण माहौल में श्रद्धालु पूजन वंदन और विपश्यना कर सकेंगे।
वर्ल्ड बैंक के सहयोग से प्रो-पूअर टूरिज्म डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत कुशीनगर में सिगापुर की तरह वाकिग टूरिस्ट जोन विकसित किए जाने की योजना है। इसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ उनके लिए प्रदूषण रहित और शांतिपूर्ण वातावरण बनाना है।
प्रदीप कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक, उप्र पर्यटन, लखनऊ