Move to Jagran APP

हड़ताल पर रहे एलआइसी व बैंक के कर्मचारी

हड़ताल की वजह से एलआइसी में 50 करोड़ व बैंकों में डेढ़ सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 11:19 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 11:19 PM (IST)
हड़ताल पर रहे एलआइसी व बैंक के कर्मचारी
हड़ताल पर रहे एलआइसी व बैंक के कर्मचारी

कुशीनगर: केंद्र सरकार की नीतियों को श्रम विरोधी बता भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) व राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी (स्टेट बैंक को छोड़कर) गुरुवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे। हड़ताल की वजह से एलआइसी में 50 करोड़ व बैंकों में डेढ़ सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। सभी शाखाओं में ताला लगाकर कर्मचारियों ने विरोध जताया और सरकार की नीतिके विरोध में नारेबाजी की।

loksabha election banner

हड़ताल पर रहे तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का नेतृत्व कर रहे गोरखपुर डिवीजन इंश्योरेंस इंप्लाइज यूनियन की पडरौना इकाई के अध्यक्ष अरविद शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के श्रम कानून में संशोधन, किसान विरोधी कृषि बिल, बढ़ती बेरोजगारी, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण, एलआइसी में सरकारी हिस्सेदारी बेचने, नई पेंशन स्कीम के विरोध में हड़ताल की गई है। जनरल सेक्रेटरी सुधीर कुमार वर्मा ने कहा कि एलआइसी कर्मियों का वेतन पुनर्निर्धारण वर्ष 2017 से ही बकाया है। नई पेंशन नीति से नई भर्ती के कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। दिनेश सिंह, राजेश मिश्र, जगदीश सिंह, विजय शर्मा, बीके प्रसाद, सुभाष प्रसाद, राजकिशोर, अजितेश, वर्षा ब्याहुत, सुनील सिंह आदि मौजूद रहे। कसया में भी किया गया प्रदर्शन

यूनियन के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर भारतीय जीवन बीमा निगम के कसया शाखा के तृतीय एवं चतुर्थी श्रेणी के कर्मचारी भी विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल पर रहे। इससे लेनदेन का कार्य प्रभावित हुआ। कर्मचारियों ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली, वेतन पुनर्निरीक्षण समेत अन्य मांगों को लेकर काफी दिनों से संघर्ष किया जा रहा है। मांगें नहीं माने जाने पर हड़ताल मजबूरी बन गई है। मांगें शीघ्र पूरी नहीं हुई तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.