बांग्लादेशी श्रद्धालुओं की शोभा यात्रा से बुद्धमय हुआ कुशीनगर, भिक्षुओं को किया कठिन चीवरदान
कुशीनगर में बांग्लादेशी श्रद्धालुओं द्वारा शोभा यात्रा का आयोजन किया गया, जिससे पूरा क्षेत्र बुद्धमय हो गया। इस अवसर पर भिक्षुओं को कठिन चीवरदान किया गया, जो बौद्ध धर्म में त्याग और सेवा का प्रतीक है। शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और बुद्ध के संदेशों का प्रचार किया गया।
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कुशीनगर में शोभा यात्रा में शामिल बांग्लादेशी श्रद्धालु। जागरण
संवाद सूत्र, बुद्धनगरी। बांग्लादेश से आए 140 बौद्ध श्रद्धालुओं ने बिरला धर्मशाला से महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर तक शोभा यात्रा निकाली। बुद्ध मंदिर पहुंच कर तथागत की लेटी प्रतिमा पर चीवर चढ़ाया। उन्होंने विश्व शांति व मानव कल्याण और भारत-बंगलादेश के मध्य गहरे मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने के लिए विशेष प्रार्थना किया।
वापस आकर बिरला धर्मशाला में बौद्ध भिक्षुओं को कठिन चीवरदान दिया। इन्हें प्रबंधक वीरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने कठिन चीवरदान के महत्व को बताया। श्रद्धालुओं ने रामाभार स्तूप और माथा कुंवर मंदिर का भी दर्शन व पूजन-वंदन किया।
शिबली तीर्थ तरंग, चटगांव (बांग्लादेश) के प्रबंधक उदयन बरुआ के साथ वन टाइम ट्रांजिट वीजा पर भारत के बौद्ध तीर्थ स्थलों के 23 दिवसीय भ्रमण पर आए श्रद्धालु कुशीनगर से बुधवार की रात वैशाली के लिए रवाना हो गए। ग्रुप में पांच भिक्षु, 55 उपासक व 80 उपासिकाएं शामिल रहे।
उदयन बरुआ ने बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा द्वारा वीजा देने के लिए कृतज्ञता ज्ञापित किया है। बरुआ ने बांग्लादेश के प्रतिष्ठित बौद्ध भिक्षु डा. जीनो बोधिभिक्षु को भी वीजा दिलवाने में सहयोग के प्रति आभार ज्ञापित किया।
कहा कि भारत भगवान बुद्ध का देश है। यह देश पवित्र है। बुद्ध हमारे आराध्य है। हमें यहां आकर काफी सकून व आजादी मिलती है। हमें प्रसन्नता भी मिलती है।

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