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कुशीनगर में तेंदुए के आतंक से खौफ में हैं ग्रामीण, दहशत में बीती रात, भय के साए में हुई सुबह

कुशीनगर जिले के रामकोला थाने के कुइयां व हरपुर माफी गांव में लोगों की रात दहशत के बीच गुजरी। तेंदुए के हमले में कई लोगों के घायल होने से लोग डरे हुए हैं। वहीं एसडीएम ने लोगों का हौसला बढ़ाया है।

By Ajay K ShuklaEdited By: Pragati ChandPublished: Fri, 23 Sep 2022 07:24 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 07:24 PM (IST)
कुशीनगर में तेंदुए के आतंक से खौफ में हैं ग्रामीण, दहशत में बीती रात, भय के साए में हुई सुबह
कुशीनगर में तेंदुए के आतंक से खौफ में हैं ग्रामीण। -जागरण

कुशीनगर, जागरण संवाददाता। कुशीनगर जिले रामकोला थाने के कुइयां व हरपुर माफी गांव में गुरुवार की रात में तेंदुआ के हमले में महिलाओं व बच्चों समेत आठ लोगों के घायल होने के बाद दहशत में रात बीती और शुक्रवार को भय के साए में सुबह हुई। ग्रामीण घरों में दुबके रहे, डर के मारे कोई सो नहीं पाया। कहीं भी खट-खट की आवाज होती तो लोग सतर्क हो जाते। एक दूसरे से मोबाइल पर जानकारी लेते रहे।

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यह है मामला

शुक्रवार की सुबह पहुंची वन विभाग की टीम ग्रामीणों के साथ सरेह में कांबिंग करने में जुट गई। तेंदुआ के बारे में सटीक जानकारी नहीं मिलने से दोनों गांवों के लोगों में डर फैला हुआ है। घायलों का सीएचसी में उपचार चल रहा है। गांव में पहुंचे एसडीएम सदर महात्मा सिंह व खड्डा रेंजर देवेंद्र कुमार राय ने लोगों का हौसला बढ़ा सतर्क रहने की सलाह दी। कहा कि कोई भी व्यक्ति अकेले खेत की ओर न जाए।

हरपुर माफी और कुइयां दोनों गांवों में तेंदुए के हमले में घायल हुए लोगों के घर पहुंच एसडीएम ने स्वजन से बातचीत की। समुचित उपचार कराने का भरोसा दिलाया। उन्होंने लोगों को अपना मोबाइल नंबर देकर कहा कि किसी भी तरह की दिक्कत होने पर तुरंत फोन करें। रेंजर ने सरेह में मिले पदचिह्न का स्केच बनवाया। ग्रामीणों से कहा कि खोजबीन पूर्ण होने तक सभी लोग सतर्क रहें। बाहर न बैठें, घरों में ही सोएं।

क्या कहते हैं ग्रामीण

  • हरपुर के गोवर्द्धन पासवान ने कहा कि रात में कुइयां गांव की तरफ शोरगुल सुनने के बाद ग्रामीण सतर्क तो थे, फिर भी दो महिलाएं जानवर की चपेट में आ गईं। वन विभाग की टीम सरेह में खोजबीन करने लगी है तो भय दूर हुआ है, आत्मविश्वास बढ़ा है।
  • कुइयां के लालमनि ने कहा कि टीम के साथ हम लोग भी खोजबीन में जुटे हैं। तेंदुए का सुराग नहीं मिलने से मन में डर है। मन्नू ने कहा कि खुंखार जानवर के भय से कोई चारा के लिए सरेह में नहीं जा रहा है। समूह में जाकर गांव के किनारे ही चारा की व्यवस्था की गई है।
  • जीऊत ने कहा कि सुबह बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर लग रहा था। तेंदुए के बारे में जानकारी नहीं मिलने से हर कोई डरा हुआ है।

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