परिवार के लिए खुशियां खरीदने निकला था शख्स, घर लौटा तो राख में लिपटी 5 लाशों को देख पैरों तले खिसक गई जमीन
आग की लपटों में मां व चार बेटियों की चीखें दब गईं। वहीं सास-ससुर व एक बेटी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। काम पर निकलने के चलते पति की जान तो बच गई लेकिन परिवार को उजड़ता देख वह जीते जी मर रहा है।
कुशीनगर, प्रगति चंद। कुशीनगर अग्निकांड में सात घरों की गृहस्थी उड़ गई। एक परिवार का पूरा संसार बिखर गया। दिव्यांग मां और चार बेटियों की जलकर मौत हो गई तो सास-ससुर व एक बच्ची अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। रूह कंपाने वाली इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। बुधवार की घटना को लेकर गुरुवार को भी पूरे गांव में सन्नाटा पसरा रहा। हर तरफ घटना की चर्चा हो रही। सभी की जुबान पर सिर्फ एक ही बात आ रही कि ऊपर वाला ऐसा दिन किसी को न दिखाए। वहीं जिन लोगों की गृहस्थी उजड़ गई वे अपने आशियाने की राख देख फफक पड़े। उधर, पत्नी व चार बेटियों को खो चुके शेर मुहम्मद बदहवास पड़े हैं।
आग में चार लाडलियों संग पत्नी की थम गईं सांसें
जिले के बड़हरागंज गांव माघी मठिया में रहने वाले टेंपो चालक शेर मुहम्मद रोज की तरह बुधवार को भी घर परिवार के लिए खुशियां खरीदने यानी की रोजी-रोटी के लिए निकला था। वह आटो में सवारी लेकर पडरौना से रामकोला जा रहा था, तभी गांव से अगलगी की सूचना मिली। भागकर घर पहुंचा तो न परिवार बचा था और न ही घर। मिले तो केवल तबाही के निशान। वह भी ऐसे कि कभी मिटें भी न। कोई पूछता तो वह केवल अपने जले घर की ओर निहारता। अधिकारियों ने भी बात करने की कोशिश की, लेकिन बोलने में उसके लब पूरी तरह से बेबस दिखे। क्योंकि, मन पूरी तरह से गम से बोझिल था, ऐसे में आवाज निकलती भी तो कैसे।
देखते ही देखते सात घरों की उजड़ गई गृहस्थी
आगजनी की लोमहर्षक घटना में जहां शेर मोहम्मद का पूरा परिवार जलकर खत्म हो गया वहीं गांव के छह अन्य परिवारों की भी गृहस्थी उजड़ गई। गांव वालों के मुताबिक नबी हसन की घर की तरफ से बढ़ी आग ने सबसे पहले शेर मुहम्मद के घर को चपेट में ले लिया। इसके बाद गफ्फार, जालिम, ईशा, रेयाज, फिरोज के भी घर आग की चपेट में आ गए। इन सभी के परिवार वाले तो सुरक्षित निकल गए लेकिन अंदर रखा सारा सामान जल गया।
आधे घंटे में ही लिख गई तबाही की इबारत
तेज धूप व पछवा हवा ने आग का ऐसा साथ दिया कि उसने महज आधे घंटे में ही तबाही की अपनी इबारत लिख दी। तीन बजे के लगभग आग लगी और साढे तीन बजे के आसपास बुझ भी गई। बगल में पक्का मकान होने के कारण वह आगे नहीं बढ़ सकी। आग बुझाने आ रही फायर ब्रिगेड की टीम रास्ते से ही वापस लौट गई।
आग का कारण को लेकर भी कई सवाल
अज्ञात कारण से लगी आग को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। नबी हसन के घर में भोजन पक नहीं रहा था, आग का कोई और कार्य भी नहीं हो रहा था, फिर आग लगी कैसे। इसका जवाब पुलिस प प्रशासन के पास भी नहीं है। वहीं कुछ लोग कहते सुने गए कि गांजा पीने के दौरान निकली चिंगारी से आग लगी है। कोई कह रहा था कि, किसी ने आग लगा दी होगी। एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि इसकी भी जांच कराई जा रही है कि आग कैसे लगी।