कल बहनें बांधेंगी नेह की डोर
रक्षाबंधन का त्योहार गुरुवार को मनाया जाएगा। सायंकाल 4.23 बजे तक रक्षा बांधने का शुभ मुहूर्त है। बहनों को चाहिए कि वह भाई को रक्षा बांधते समय भगवान गणेश का ध्यान कर उनसे मंगल की कामना करें।
कुशीनगर : रक्षाबंधन का त्योहार गुरुवार को मनाया जाएगा। सायंकाल 4.23 बजे तक रक्षा बांधने का शुभ मुहूर्त है। बहनों को चाहिए कि वह भाई को रक्षा बांधते समय भगवान गणेश का ध्यान कर उनसे मंगल की कामना करें। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पांडेय व नगर स्थित पंचायती पाठशाला के प्रधानाचार्य अखिलेश्वर पांडेय के अनुसार श्रावणी (रक्षाबंधन) का त्योहार सनातनधर्मियों के लिए वर्ष का प्रथम त्योहार माना गया है। इस दिन कुल पुरोहित अपने यजमान को तथा बहनें अपने भाई को रक्षा बांध व तिलक लगाकर चिरंजीवी व सर्वत्र विजयी होने की कामना करती हैं। रक्षा बांधने का एक मंत्र सर्व प्रचलित है. येन बद्धो बली राजा दान वेंद्रो महा बल: तेन त्वां प्रति बद्धनामि रक्षे माचल माचल.। इसी मंत्र से प्राचीन काल में द्रोपदी ने श्री कृष्ण को व देव गुरु वृहस्पति ने इन्द्र को रक्षा बांधी थी। इसी दिन श्रावणी का उपाकर्म ब्राह्माणों द्वारा किया जाता है। जिसमें वेद पाठी ब्राह्मण शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों द्वारा यज्ञोपवीत की शुद्धि व प्रतिष्ठा करते हैं, जिससे वह यज्ञोपवीत पूरे वर्ष भर तेज व ज्ञान प्रदान करता है।
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रक्षा बांधने का विशेष समय
गुरुवार को पूरे दिन शाम 4:23 बजे तक पूर्णिमा तिथि है। श्रावण पश्चात धनिष्ठा नक्षत्र पूरे दिन है। सौभाग्य योग मिल रहा है। इस प्रकार रक्षा बांधने का विशेष मुहूर्त सुबह 5:45 से 7:58 बजे तक व दोपहर 12.44 से शाम 4:23 बजे तक है। पांडेय के अनुसार निश्चित समय में ही रक्षा बांधने का पुनीत पर्व मनाएं।
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