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कहीं सीट नदारद तो कहीं सिर्फ दीवार

विशुनपुरा विकास खंड के सेमरा गांव में बनाए गए शौचालय बंदरबांट की भेंट चढ़ गए हैं। खुले में शौच जाना ग्रामीणों की मजबूरी है। ग्रामीणों का आरोप है कि कमीशन के चक्कर में कहीं दीवार खड़ी है तो कहीं सीट ही नहीं लगाया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 11:23 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 11:23 PM (IST)
कहीं सीट नदारद तो कहीं सिर्फ दीवार
कहीं सीट नदारद तो कहीं सिर्फ दीवार

कुशीनगर : विशुनपुरा विकास खंड के सेमरा गांव में बनाए गए शौचालय बंदरबांट की भेंट चढ़ गए हैं। खुले में शौच जाना ग्रामीणों की मजबूरी है। ग्रामीणों का आरोप है कि कमीशन के चक्कर में कहीं दीवार खड़ी है तो कहीं सीट ही नहीं लगाया गया। इसी का परिणाम है कि भोर व शाम को गांव की सड़कों व नहरों के किनारे शौच करने वालों की भीड़ रहती है। सर्वाधिक दिक्कत महिलाओं को उठानी पड़ रही। ग्रामवासी रसीद अंसारी, अनिल, सूरज पाठक, प्रदीप, मोहन आदि ने बताया कि अधूरे शौचालयों का कोई मतलब नहीं है। विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा निर्माण के समय ही धन का बंदरबांट कर लिए जाने की कहानी खुद अधूरे पड़े शौचालय कह रहे हैं। महेंद्र पाठक व विदा पाठक का कहना है कि कहीं-कहीं शौचालय के नाम पर सिर्फ दीवार खड़ी कर दी गई है और बगल में गड्ढा खोद कर छोड़ दिया गया है। आस-पास खर पतवार व झाड़ियां उग आई हैं। अनिल व मोहनलाल ने बताया कि शौचालय निर्माण के नाम पर सिर्फ खानापूरी की जा रही है। जब तक लोग स्वयं जागरूक नहीं होंगे, तब तक गांव के आसपास का इलाका गंदगी से मुक्त नहीं हो सकता। सीडीओ रामसूरत पांडेय ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं है। अगर शौचालय निर्माण में सरकारी धन का बंदरबांट की गई है तो इसकी जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

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