भारत-अमेरिका मुक्त व्यापार समझौता किसान विरोधी
केंद्र फिर देश के किसानों के सीने में खंजर उतारने की नीयत से भारत-अमेरिका मुक्त व्यापार समझौते की बात को आगे बढ़ा रही है।
कुशीनगर : भारत सरकार अब तक 14 देशों से अधिक मुक्त व्यापार समझौता कर चुकी है, जिसके कारण देश के किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाता। केंद्र भारत-अमेरिका मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर न करें। अगर सरकार अपने अहंकार में ऐसा करती है, तो संगठन देशव्यापी किसान आंदोलन को बाध्य होगा।
यह बातें राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक पंडित नंदकिशोर मिश्र ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में कहीं। कहा कि महासंघ के देशव्यापी विरोध के चलते केंद्र सरकार ने आशियान देशों के साथ समझौता नहीं किया।
यदि समझौता होता है तो अमेरिका से जीरो फीसद आयात शुल्क पर सोयाबीन, गेहूं, चावल, सेव, अखरोट, बादाम, दुग्ध उत्पाद जैसी वस्तुओं का आयात किया जाएगा।
कहा कि गन्ना किसानों का प्रदेश की चीनी मिलों पर बीस हजार करोड़ रुपये बाकी है, जिसमें अकेले कुशीनगर के गन्ना किसानों का 278 करोड़ रुपये बकाया है। संजय लाल श्रीवास्तव, रणविजय दुबे, प्रदीप राव, राजकिशोर शर्मा आदि उपस्थित रहे।