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कुशीनगर में उम्मीद के आंगन में संक्रमण का खतरा

कुशीनगर के कोविड अस्पताल में कराह रही संवेदना चीख रही दु‌र्व्यवस्था खुलेआम फेंके गए हैं पीपीई किट।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 12:13 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 12:13 AM (IST)
कुशीनगर में उम्मीद के आंगन में संक्रमण का खतरा
कुशीनगर में उम्मीद के आंगन में संक्रमण का खतरा

कुशीनगर : कोविड अस्पताल परिसर दु‌र्व्यवस्था की कहानी कह रहा है। यहां फेंके गए प्रयोग किए गए पीपीई किट इलाज व जांच के लिए आने वालों को खुले रूप से कोरोना संक्रमण का निमंत्रण दे रहे हैं।

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जिम्मेदारों को इसका तनिक भी अहसास नहीं है कि जिस अस्पताल को मरीज बचाव की उम्मीद का आंगन समझते हैं, वहां संक्रमण का ठौर है। अब जान जोखिम में डाल यहां पहुंचे लोग दु‌र्व्यवस्था को कोसते हैं पर लाचारी ऐसी है कि, कुछ कर नहीं सकते। संवदेना यहां कराहती मिलती है तो दु‌र्व्यवस्था चीखती हुई। कुछ नहीं मिलता तो बचाव के नाम पर रोज उच्च स्तरीय बैठक करने वाले साहबानों की नजरे इनायत।

जैसे ही आप कोविड अस्पताल के प्रवेश द्वार पर कदम रखेंगे दु‌र्व्यवस्था से आपकी मुलाकात हो जाएगी। ऐसे में सहमकर ही कदम आगे बढ़ाएंगे। परिसर में खुलेआम प्रयोग किया गया पीपीई किट फेंका हुआ मिलेगा जो संक्रमण बांटने के लिए पर्याप्त है। इसी के पास खड़े हो लोग काउंटर पर कोरोना की जांच कराते हैं। मजबूरी है कि वह जाएं तो कहा जाएं। इस बात को लेकर डरे रहते हैं कि कहीं हवा के चलते उड़कर किट उनके शरीर पर न आ जाए। वे उससे निकलने वाले वायरस की चपेट में न आ जाएं। जांच के दौरान यह सारी चिताएं उन्हें घेरे रहती हैं। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग व जिम्मेदार इससे पूरी तरह बेफिक्र बचाव का राग अलापते मिल जाएंगे। सबसे अधिक परेशानी भर्ती मरीजों के स्वजन को होती है। परिसर में रुकना उनकी मजबूरी है। संक्रमण के ठौर पर बैठकर वे स्वस्थ होने की उम्मीद करते हैं।

जांच कराना है तो आना मजबूरी है

कोरोना संक्रमित होने पर 15 दिन बाद दोबारा जांच कराने पहुंची मिल्की निवासी आंचल कहती हैं कि दूसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। परिसर में फैले पीपीई किट संक्रमण का बड़ा कारण बन सकते हैं। जांच कराने पहुंचे अमडरिया महुअवा निवासी हिमालय गोंड़ बताते हैं कि जांच कराने आने पर रूह कांप जाती है। यहां तो संक्रमण का ठौर है, कब कौन संक्रमित हो जाए कहा नहीं जा सकता। जांच करानी है तो यहां जान जोखिम में डालकर आना मजबूरी भी है।

सीएमएस डा. बजरंगी पांडेय ने कहा कि इसकी सूचना नहीं थी। ऐसी बात है तो प्रभावी और त्वरित कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही बरतने वालों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। परिसर में खुलेआम प्रयुक्त पीपीई किट फेंकना गंभीर मामला है। इससे निश्चित रूप से संक्रमण का खतरा हो सकता है।


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