कुशीनगर में चिकन की कीमत आधी, फिर भी मछली भारी
कुशीनगर में बर्ड फ्लू की चेतावनी से घटी चिकन की बिक्री एक सप्ताह में मछली की कीमत में हुई भारी वृद्धि।
कुशीनगर: बर्ड फ्लू की चेतावनी से जहां चिकन व अंडे की बिक्री घट गई है वहीं मछली का बाजार तेज हो गया है। इसका फायदा उठाकर मछुआरे मुंहमांगी कीमत पर मछलियां बेच रहे हैं। रोहू, नैनी, रेवा, पढ़नी, मांगुर आदि प्रजाति की मछलियां तो बाजार में आते ही हाथों हाथ बिक जा रही हैं।
एक सप्ताह में कप्तानगंज मंडी में मछली की कीमतों में 50 से सौ रुपये प्रति किग्रा की बढ़ोत्तरी हो गई है, जबकि चिकन के कारोबारी परेशान हैं। आधी कीमत पर भी लोग मुर्गा खरीदने को तैयार नहीं हैं। इससे पोल्ट्री फार्म संचालन चितित हैं। उन्हें डर है कि कोरोना के दौरान हुए नुकसान की तरह दोबारा कमर न टूट जाए।
चिकन विक्रेता अब्दुल ने बताया कि 15 दिन पहले मुर्गे का मांस 160 रुपये प्रति किग्रा व खड़ा मुर्गा 120 रुपये में बेचा जाता था। 10 दिन पहले मांस 180 रुपये व खड़ा मुर्गा 140 रुपये में बिकता था। अब ग्राहक चिकन से परहेज करने लगे हैं। 90 रुपये प्रति किग्रा मांस व सौ रुपये में दो खड़ा मुर्गा भी लोगों को नहीं लुभा पा रहा है।
एक सप्ताह में बढ़ी मछली की कीमत
प्रजाति - पहले - अब रुपये प्रति किग्रा
-सिल्वर 100 120
-ब्रिगेड 100 120
-रोहू 180 250
-कामन 125 165
-ग्रास 140 170
-पढ़नी 240 260
लाभप्रद है मछली
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कप्तानगंज के चिकित्साधिकारी डा. रूपेश कुशवाहा का कहना है कि सर्दी के मौसम में मछली के सेवन से बीमारियों से बचा जा सकता है। मछली में कम फैट होने के कारण ब्लड प्रेशर की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। मछली खाने से डायबिटीज का खतरा भी कम रहता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड के कारण मछली खाने से ब्रेस्ट कैंसर व प्रोस्टेट कैंसर की संभावना कम रहती है। हार्ट अटैक का खतरा भी कम रहता है।