कुशीनगर में ठंड से ठिठुरी जिदगी, पशु-पक्षी भी बेहाल
कुशीनगर में दिन-रात चल रहीं सर्द हवाओं ने बढ़ाईं मुश्किलें तापमान में लगातार गिरावट से जन-जीवन अस्त व्यस्त।
कुशीनगर: बीते 10 दिनों से जारी ठंड का कहर अब लोगों के लिए असहनीय होता जा रहा है। जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया है। लोग अधिक से अधिक समय घरों में दुबके रहने को विवश हैं। जीवन निर्वाह के लिए घरों से बाहर निकलने वाले लोगों का हाल बेहाल है। इंसान के साथ-साथ जीव-जंतुओं की जान पर भी आफत आ गई है।
हालांकि कोहरे से थोड़ी राहत मिली है मगर बर्फीली हवाओं के साथ शीतलहर ने ठंड को और अधिक असहनीय बना दिया है। शनिवार की सुबह भी मौसम का मिजाज काफी ठंडा रहा। पूरे दिन पछुआ हवा चलती रही। इससे आसमान में दिन भर बदली छायी रही। सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। शाम भी ठंडी रही। ठंड से बचाव के लिए प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था का दावा हकीकत में नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि जगह-जगह चौराहों पर लोग टायर ट्यूब, कूड़ा करकट व लकड़ी आदि जलाकर ठंड से निजात पाने की कोशिश कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पुआल, खर आदि जलाकर तापते नजर आए। हाड़ कंपाने वाली इस ठंड में मजदूरों को रोजगार के भी लाले हैं। उनके सामने पेट भरने की समस्या खड़ी हो गई है। यह संकट दिन ब दिन और गहराता जा रहा है। गर्म कपड़ों की कमी और संसाधनों का टोटा होने से मजदूरों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। लोग जगह-जगह अलाव तापते देखे जा रहे हैं। इस मौसम ने इंसान के साथ जीव-जंतु और पशु-पक्षियों के लिए आफत खड़ी कर दी है। मौसम विभाग विशेषज्ञों ने अभी और कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान जताया है।