गौरैया संरक्षण के लिए मानवीय संवेदना जरूरी: रेंजर
गौरैया चिड़ियां एक घरेलू पक्षी है जो लोगों के बीच घरों में रहना पसंद करती है।अब यह लुप्त प्राय हो चली है। घर-आंगन में फूदकने-चहकने वाली चिड़िया के लिए परिस्थितियां प्रतिकूल होने के चलते ऐसा हो रहा है।
कुशीनगर : गौरैया चिड़ियां एक घरेलू पक्षी है जो लोगों के बीच घरों में रहना पसंद करती है।अब यह लुप्त प्राय हो चली है। घर-आंगन में फूदकने-चहकने वाली चिड़िया के लिए परिस्थितियां प्रतिकूल होने के चलते ऐसा हो रहा है। इसके संरक्षण के लिए मानवीय संवेदना की जरूरत है। यह बातें स्थानीय वन रेंज कार्यालय पर विश्व गौरैया दिवस पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते तमकुही रेंज के वन क्षेत्राधिकारी नृपेंद्र चतुर्वेदी ने कही।
उन्होंने छात्रों व उपस्थित लोगों से कहा कि इसके संरक्षण के लिए मिट्टी के बर्तन में पानी, दाना व लकड़ी का घोसला बनाकर घरों में टांग दें तथा घर के आसपास झाड़ी नुमा वृक्ष जैसे मेंहदी आदि का रोपण करें। गोष्ठी को वन दारोगा शिवजी कुशवाहा, भगवान आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान संजय सिंह, राजकिशोर मिश्र, श्रवण माली आदि मौजूद रहे।
-----
कार्यकर्ताओं को किया जागरूक
कुशीनगर: विश्व गौरैया दिवस पर शुक्रवार को अपने आवास पर विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने गौरैया पक्षी के संरक्षण को लेकर कार्यकर्ताओं को जागरूक किया। उन्होनें लोगों से अपने दरवाजे पर और आंगन में इन पक्षियों के लिए दाना व पीने के लिए बर्तन में पानी रखने का सुझाव दिया। सभासद मिथिलेश शर्मा, मंजीत पाठक, सत्यनारायण गोंड, श्यामदेव खरवार, प्रेम यादव, अनिल सिंह, सत्येंद्र सैन्य, सत्यनारायण सिंह, अनिल मल्ल आदि उपस्थित रहे।