टूट गई उम्मीद, नहीं बनी सड़क
कुशीनगर: सीएम के निर्देश के बावजूद ग्रामीण सड़कों की हालत में कोई खास सुधार नहीं हो रहा है। शिकायतों
कुशीनगर: सीएम के निर्देश के बावजूद ग्रामीण सड़कों की हालत में कोई खास सुधार नहीं हो रहा है। शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं। हालत यह है कि बड़ी गंडक नहर की पटरी लतवाचट्टी- दाहूगंज-गोसाईं पट्टी दवनहां-बनरहां रेगुलेटर सड़क तीन साल पहले एक करोड़ की लागत से बनी थी। कार्यदायी संस्था नहर विभाग ने 12 किमी पिच सड़क का निर्माण कराया, जो धीरे-धीरे गड्ढों में तब्दील होने लगी। वर्तमान में यह सड़क चालीस फीसद गड्ढे में बदल चुकी है। इस सड़क से चलने वाले दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को उम्मीद थी कि इस बार जरूर मरम्मत हो जाएगा, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से अभी तक मामला अधर में लटका हुआ है। चूंकि खराब हो चुकी बड़ी गंडक नहर की सड़क के चारों ओर झाड़ियां हैं, इसलिए अंधेरा होते ही इस मार्ग पर आवागमन बंद हो जाता है। कारण कि गड्ढे की वजह से गाड़ी धीमी हुई तो बदमाश छीन ले जाएंगे, अन्यथा जानवर ही घायल कर देंगे। अफसोस इस बात का है कि न तो जिम्मेदार ही ध्यान दे रहे हैं और न जनप्रतिनिधि ही समस्या को लेकर गंभीर हैं। कमोवेश यही हाल इस इलाके की सड़कों की है, जिस पर चलना दुश्वार है। ग्रामीण सड़कों की स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।
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रजनीकांत चौबे कहते हैं कि यह सड़क जगह-जगह गड्ढे में तब्दील है। इसके चलते आए दिन बाइक सवार घायल हो रहे हैं। इसे ठीक कराया जाना चाहिए। रात के अंधेरे में गिरना तय है।
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विनोद प्रसाद कहते हैं कि लतवा से जाने वाली यह सड़क इतनी क्षतिग्रस्त हो चुकी है कि एक बार इस पर जाने के लिए सोचना पड़ता है।
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डोमा कहते हैं कि कई बार अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। सड़क अब पगडंडी के रूप में तब्दील हो गई है।
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सोनू गुप्ता कहते हैं कि अधिकारियों से शिकायत के बाद भी सड़क की मरम्मत नहीं करायी गई, जो अधिकारियों के दावे की पोल खोलने के लिए काफी है।