इलाज के अभाव में तड़पता रहा मुसहर, रेफर
दुदही विकास खंड के रकबा दुलमापट्टी के मुसहरी टोला निवासी बीमार राजीनन मुसहर का इलाज कराने के लिए रविवार की सुबह परिजन दुदही सीएचसी पहुंचे तो डाक्टर व फार्मासिस्ट नदारद थे। घंटों अस्पताल में मरीज तड़पता रहा, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं था। स्वीपर रामसकल द्वारा सीएचसी प्रभारी को सूचना देने के बाद वे हरकत में आए
कुशीनगर : दुदही विकास खंड के रकबा दुलमापट्टी के मुसहरी टोला निवासी बीमार राजीनन मुसहर का इलाज कराने के लिए रविवार की सुबह परिजन दुदही सीएचसी पहुंचे तो डाक्टर व फार्मासिस्ट नदारद थे। घंटों अस्पताल में मरीज तड़पता रहा, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं था। स्वीपर रामसकल द्वारा सीएचसी प्रभारी को सूचना देने के बाद वे हरकत में आए। उनके निर्देश पर तीन घंटे बाद चीफ फार्मासिस्ट मनोज राय अस्पताल में पहुंचे और बीमार मुसहर को मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। परिजनों के मुताबिक दो सप्ताह पूर्व राजीनन को गंभीर हालत में उनके पुत्र राजेश ने सीएचसी में भर्ती कराया था। बताया जा रहा कि राजीनन को पेशाब के रास्ते खून आ रहा था। गंभीर हालत में उन्हें जिला अस्पताल भेजा गया, वहां से मेडिकल कालेज रेफर कर दिए गए थे। आर्थिक तंगी की वजह से इलाज बाधित होने पर चिकित्सकों ने घर भेज दिया गया। शनिवार की रात उसकी हालत दोबारा बिगड़ गई। रविवार की सुबह परिजन सीएचसी पर ले गए तो वहां कोई डाक्टर नहीं था। इलाज के लिए मरीज घंटों तड़पता रहा। पीड़ित मुसहर के बेटे का आरोप है कि तीन घंटे बाद फार्मासिस्ट राय घर से आए और डीप चढ़ा कर जिला अस्पताल रेफर कर दिए। जबकि यहां तीन डाक्टर डा. एके पाण्डेय, डा. नितिन प्रसाद, डा. कौशलेन्द्र मणि की तैनाती है, लेकिन कोई इमरजेंसी सेवा के लिए कोई मौजूद नहीं था। संविदा पर तैनात दो महिला चिकित्सक, तीन फार्मासिस्ट, चार वार्ड ब्वाय में से कोई उपस्थित नहीं था। इलाज कराने आए लोग परेशान रहे। दवा वितरण कक्ष में ताला लटक रहा था। सीएचसी प्रभारी डा. पाण्डेय ने कहा कि मैं जिला मुख्यालय पर बैठक में शामिल होने आया हूं। इमरजेंसी सेवा के लिए चिकित्सक व फार्मासिस्ट की ड्यूटी लगाई गई थी। उनका अनुपस्थित रहना उचित नहीं है। प्रकरण की जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी।