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अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है गुरु : अतुल कृष्ण

कुशीनगर के गौरीश्रीराम के एक विद्यालय में चल रही रामकथा में कथा वाचक ने गुरु की महिमा का विस्तार से वर्णन किया तथा कहा कि प्रभु की भक्ति के लिए गुरु ही मार्ग बता सकता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 12:56 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 12:56 AM (IST)
अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है गुरु : अतुल कृष्ण
अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है गुरु : अतुल कृष्ण

कुशीनगर : गौरीश्रीराम के जगदीश पब्लिक स्कूल परिसर में आयोजित रामकथा के प्रथम दिन प्रख्यात कथावाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज ने गुरु नाम की महिमा का विस्तार से वर्णन किया। कहा कि भावना और भक्ति के जरिये प्रभु की प्राप्ति संभव है। जो अपने शिष्य को अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाए वह गुरु है। भगवान शिव संपूर्ण विश्व के गुरु हैं। माता पार्वती आग्रह पर उन्होंने मानस की कथा सुनाई थी। मानस की कथा मानव को परमात्मा से जोड़ने का सबसे आसान मार्ग है।

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गुरु शिष्य परंपरा व उसके महात्म्य का वर्णन करते हुए कथावाचक ने बताया कि गुरु नरही दास की कृपा से एक साधारण बालक मानस की रचना करने योग्य हो गया। उसी मानस की महत्ता आज पूरा विश्व निर्विवाद रूप से मानता है। बालक ध्रुव, मीराबाई, संत रविदास, कबीर, रहीम, सदन, अजामिल जैसे लोग गुरु की कृपा से देवलोक तक पहुंच गए।

इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डा. बालमुकुंद पांडेय, विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी, डा. नीलेश मिश्र, मदन मोहन पांडेय, अवधेश पांडेय, आचार्य उमेश पांडेय, भाजपा के क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी डा. बच्चा पांडेय, रामअवध यादव, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष दिवाकर मणि त्रिपाठी, डा. एके पांडेय, भाजपा नेता विजय राय आदि उपस्थित रहे।

कथा के श्रवण से होता पापियों का उद्धार

जब जीव के जन्म जन्मातर के पुण्य उदय होते हैं तब जाकर श्रीमद्भागवत कथा श्रवण का सौभाग्य मिलता है। कलयुग में श्रीमद्भागवत साक्षात ईश्वर का ही स्वरूप है। इस कथा के श्रवण से बड़े से बड़े पापियों का उद्धार हो जाता है।

यह बातें आचार्य प्रवीणानंद ने कही। वह कप्तानगंज कस्बा के बंदेलीगंज मोहल्ले में श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन गुरुवार को कथा का रसपान करा रहे थे। उन्होंने राजा परीक्षित के जन्म की कथा का वर्णन किया। कहा कि कितनी भी खराब परिस्थितियों से गुजरना पड़े, घबराना नहीं चाहिए। सही रास्ते पर चलते हुए भगवत भजन में लीन रहें, सब कार्य ईश्वर की कृपा से हो जाएगा। वशिष्ठ कुमार तिवारी, विपिन मणि त्रिपाठी, अभयानंद शास्त्री, सदानंद शास्त्री, हरिलता पांडेय, मनींद्र पाठक, सुनील पांडेय, विश्वनाथ पांडेय, सदानंद सिंह, गायत्री देवी, घनश्याम सिंह आदि मौजूद रहे।


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