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112 की जगह अभी भी डायल कर रहे 100 नंबर

100 नंबर पर मिलने वाली पुलिस सहायता अब 112 नंबर पर मुहैया हो रही है। बीते 26 अक्टूबर से ही नया नंबर 112 प्रचलन में है लेकिन पुलिस की मदद के लिए अधिकतर लोग 100 नंबर ही डायल कर रहे हैं। लोगों के दिलो-दिमाग में अभी पुराना नंबर ही बना हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 12:04 AM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 06:12 AM (IST)
112 की जगह अभी भी डायल कर रहे 100 नंबर
112 की जगह अभी भी डायल कर रहे 100 नंबर

कुशीनगर: 100 नंबर पर मिलने वाली पुलिस सहायता अब 112 नंबर पर मुहैया हो रही है। बीते 26 अक्टूबर से ही नया नंबर 112 प्रचलन में है, लेकिन पुलिस की मदद के लिए अधिकतर लोग 100 नंबर ही डायल कर रहे हैं। लोगों के दिलो-दिमाग में अभी पुराना नंबर ही बना हुआ है। पुलिस अफसरों का कहना है कि सहूलियत के लिए 112 नंबर पर यह सुविधा शुरू हुई है पर व्यवहार में अभी यह पुरी तरह से आ नहीं पाया है। यही वजह है कि लोग 112 की जगह अभी पुराना 100 नंबर ही डायल कर रहे। 26 अक्टूबर से चार दिसंबर तक कुशीनगर में 4460 लोगों ने पुलिस सहायता के लिए फोन किया। इनमें लगभग 2300 लोगों ने 100 नंबर ही मिलाया। हालांकि पुलिस दोनों ही नंबरों पर सहायता सुलभ करा रही है। जिससे कि पुलिस की मदद के लिए फोन करने वाला व्यक्ति इससे वंचित न रह जाए। यही वजह है कि 112 के लांच होने के दिन ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि दो साल तक 100 नंबर को भी चालू रखा जाएगा।

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143 लोगों ने दी झूठी सूचना

-26 अक्टूबर से अब तक मिली 4460 सूचनाओं में 143 सूचनाएं झूठी पाईं गईं। इन लोगों ने पुलिस को झूठी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस की जांच-पड़ताल में पता चला कि कइयों ने सिर्फ यह जानने के लिए फोन कर दिया कि पुलिस पहुंच रही या नहीं। हालांकि ऐसे लोगों को पुलिस की तरफ से चेतावनी दी गई।

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54 गाड़ियों का है मूवमेंट

-डायल 112 में 35 चार पहिया तथा 22 दो पहिया वाहन समेत कुल 57 वाहन हैं। इनमें 33 चार पहिया तथा 21 दो पहिया वाहन समेत कुल 54 वाहनों का दिन-रात मूवमेंट होता है। डायल 112 के प्रभारी निरीक्षक रशीद खान के अनुसार दारोगा, हेडकांस्टेबल, होमगार्ड सहित 350 पुलिसकर्मी आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में अपनी सेवा दे रहे हैं।

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12-14 मिनट है रिस्पांस टाइम

-112 नंबर पर प्राप्त सूचना पर पुलिस के पहुंचने का औसतन समय 12 से 14 मिनट है। ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचने में पुलिस को कभी-कभी 15-25 मिनट तक लग जाते हैं। टीम की कोशिश है कि इसमें कमी लाई जाए। वहीं कुछ क्षेत्रों में नेटवर्क सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। नेटवर्क न होने से पुलिस को समय पर सूचना नहीं मिल पाती, जिससे पहुंचने में समय लग जाता।

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त्वरित सहायता पहुंचाना मकसद : एसपी

-एसपी विनोद कुमार मिश्र ने कहा कि पुलिस के रिस्पांस टाइम में और भी कमी लाने का प्रयास चल रहा। कम से कम समय में पीड़ित तक पहुंच उसकी सहायता की जाए, यही मकसद है। आह्वान किया कि जरूरतमंद 100 की जगह 112 डायल करें।


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