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पराली प्रबंधन को लेकर किसान परेशान, पिछड़ रही बोआई

सर्वोच्च न्यायालय से धान की कटाई के बाद खेत में पराली जलाए जाने को लेकर रोक लगाए जाने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। बात करें फाजिलनगर ब्लाक की तो यहां 88 ग्राम पंचायतें हैं। 21634.00 हेक्टेयर भूमि पर धान की हुई है। मजदूरों के अभाव में किसानों ने कंबाइन से कटाई कराई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 12:03 AM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 12:03 AM (IST)
पराली प्रबंधन को लेकर किसान परेशान, पिछड़ रही बोआई
पराली प्रबंधन को लेकर किसान परेशान, पिछड़ रही बोआई

कुशीनगर : सर्वोच्च न्यायालय से धान की कटाई के बाद खेत में पराली जलाए जाने को लेकर रोक लगाए जाने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। बात करें फाजिलनगर ब्लाक की तो यहां 88 ग्राम पंचायतें हैं। 21634.00 हेक्टेयर भूमि पर धान की हुई है। मजदूरों के अभाव में किसानों ने कंबाइन से कटाई कराई। अब फसल के डंठल की कटाई, छटाई और सफाई में किसान जुटे हुए हैं। चूंकि 15 से 30 नवंबर के बीच रवि बुआई के लिए उपयुक्त समय माना जाता है। खेत साफ नहीं हो पाने से अब तक जुताई नहीं हो पाई ऐसे में फसल की बोआई पिछड़ रही है। नई व्यवस्था से परेशान किसान समाधान की मांग कर रहे हैं, तो प्रशासन हाथ खड़ा कर ले रहा है। समस्या को लेकर कुछ किसानों से बात की गई तो उनकी पीड़ा खुलकर सामने आई। फाजिलनगर के प्रगतिशील किसान मकसूदन शाही ने कहा कि पूर्वांचल का किसान संसाधन के अभाव में बदहाल है। सरकार को किसान की समस्याओं के समाधान के लिए ठोस पहल करनी चाहिए। सठियांव गांव के किसान अभिमन्यु ऊर्फ मन्नू सिंह ने कहा कि सरकार व प्रशासन को किसानों का हित देखते हुए निर्णय लेना चाहिए। पराली के प्रबंधन में फसल की बोआई पिछड़ रही है। पैदावार पर इसका असर पड़ेगा। सोहंग निवासी जयप्रकाश पांडेय कहते है कि किसान पर्यावरण का संरक्षण करता है। प्रदूषण तो सर्वाधिक कल कारखानों से बढ़ रहा है। सरकार को अपनी सख्ती उनपर दिखानी चाहिए। इसी गांव के किसान विजय सिंह का कहना है कि किसानों की समस्या का समाधान शासन और प्रशासन ने नहीं किया, तो आने वाले समय में उनको भी हिसाब देना पड़ेगा।

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धान कटाई के बाद पराली के प्रबंधन की जिम्मेदारी किसानों की है। इसमें प्रशासन कोई मदद नहीं कर सकता। कोर्ट ने पराली जलाने पर रोक लगाई है। उसका पालन कराया जा रहा है, जो भी दोषी मिलेगा उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

संदीप कुमार सिंह

बीडीओ, फाजिलनगर पराली जलाने पर प्रतिबंध से गेहूं की बोआई बाधित बनकटा, कुशीनगर: प्रदूषण रोकने के उद्देश्य से शासन की ओर से पराली जलाने पर लगाई गई रोक से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खेत खाली न होने से जोताई नहीं हो पा रही। इससे रबी की फसलों की बोआई में विलंब हो रहा। किसानों का कहना है कि सरकार को एक माह पहले ही कंबाइन के साथ रिपर अनिवार्य करने का आदेश दे देना चाहिए था। चोरी छिपे धान की मड़ाई कर रहे बिना रिपर वाले कंबाइन मालिक किसानों से अधिक पैसा भी वसूल रहे हैं। इससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही।


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