कुशीनगर में मेला शुरू, बढ़ी चहल-पहल
कुशीनगर: कुशीनगर के ऐतिहासिक बुद्ध जयंती मेले में लोगों के आने से चहल-पहल बढ़ गई है।
कुशीनगर: कुशीनगर के ऐतिहासिक बुद्ध जयंती मेले में लोगों के आने से चहल-पहल बढ़ गई है। हालांकि इस वर्ष मेला कुछ विलंब से शुरू हुआ है। ऐतिहासिक बुद्ध जयंती मेला 99 वर्ष पूर्व 1909 ई. में यहां के लोगों और भिक्षुओं के मध्य मेलजोल बढ़ाने के लिए बौद्ध विद्वान महा पंडित राहुल सांकृत्यायन के सुझाव पर भिक्षु चंद्रमणि महास्थविर ने प्रारंभ कराया था। इसके पूर्व यहां रामलीला होती थी और विजयादशमी को मेला लगता था। बुद्ध पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाला मेला पहले काफी विस्तृत क्षेत्र में लगता था। कुशीनगर तिराहे से महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर परिसर लगायत माथा कुंवर मंदिर तक मेला होता था। काफी दूर-दूर से दुकानदार यहां दुकान लगाते थे। मिठाई, कपड़ा, मसाला, लकड़ी के सामान, बर्तन, सौंदर्य सामग्री की दुकानों के साथ सर्कस, चिड़िया घर, ड्रामा पार्टियां आती थीं, लेकिन अब यह मेला सीमित स्थान में सिमट कर म्यांमार बुद्ध मंदिर परिसर में नाम मात्र का रह गया है। कुशीनगर भिक्षु संघ के अध्यक्ष और मेला प्रबंधक एबी ज्ञानेश्वर ने बताया कि अब हर जगह दुकानें हो गई हैं व जरूरत की लगभग सभी चीजें मिल रही हैं, इस लिए मेले में कम दुकानें लग रही हैं। कहा कि स्थान और सुविधा पर्याप्त है। अगले वर्ष मेले का 100 वां वर्ष है। इस लिए इसकी शत वार्षिकी पर भव्य आयोजन होगा। इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी गईं हैं।