सात वर्षीय सचिन की जिंदगी पर ‘गरीबी का ग्रहण’
कुशीनगर: कसया के शामपुर हतवा के छोटका पिपरा के सात वर्षीय सचिन की जिंदगी पर गरीबी का ग्रहण लग गया है। बेबस मां-बाप बेटे को प्रतिपल मृत्यु की ओर बढ़ते देख रहे हैं। मदद की गुहार व सरकारी योजनाएं भी राहत नहीं दे पा रही हैं। उपचार के नाम पर एक बीघा खेत भी बंधक रखा गया है। गोरखपुर से दिल्ली तक दौड़ लगाने के बाद अब निराश माता-पिता किसी चमत्कार की उम्मीद कर रहे हैं। बता दें सचिन के दिल में छेद बचपन से ही है और ट्यूमर भी हो गया है।
मदद की गुहार लेकर गुरुवार को दैनिक जागरण कार्यालय पडरौना पहुंचीं मां कविता व बुजुर्ग दादा ने बताया कि लोगों ने बताया है कि यहां से मदद की कोई राह मिल जाएगी। बेटे को दिखाते हुए मां यह कहते हुए फफक कर रो पड़ती हैं कि सारी जमा पूंजी उपचार के नाम पर खर्च हो गई। अब डाक्टर आपरेशन के नाम पर सात लाख रुपये मांग रहे हैं। कह रहे हैं कि आपरेशन के सिवा कोई विकल्प नहीं है। सचिन के दादा परशुराम कुशवाहा बताते हैं कि बेटा प्रभु कुशवाहा पोते के उपचार के लिए एक माह पूर्व बाहर कमाने गया है, लेकिन चिकित्सक कह रहे हैं कि समय कम है। ऐसे में अब इसको पूरा परिवार प्रतिदिन केवल मृत्यु की ओर बढ़ते देखने के लिए विवश है। कोई मदद मिले तो शायद मासूम की जान बच सके। आयुष्मान कार्ड के बारे में पूछने पर बताया कि बनाया ही नहीं गया है।
दी जाएगी सरकारी मदद : डीएम
जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कि पीड़ित परिवार को जो भी सरकारी मदद दी जा सकती है, बिना देर किए दी जाएगी। उपचार का इंतजाम किया जाएगा। अब तक यह मामला मेरे संज्ञान में आया ही नहीं है।