असुरत्व पर देवत्व के विजय का प्रतीक है दशहरा
कुशीनगर असुरत्व पर देवत्व के विजय का प्रतीक है दशहरा। असुरत्व अर्थात अंतर्मन में छिपे हुए
कुशीनगर: असुरत्व पर देवत्व के विजय का प्रतीक है दशहरा। असुरत्व अर्थात अंतर्मन में छिपे हुए काम, क्रोध लोभ, मोह, अहंकार आदि नकारात्मक प्रवृतियां। इससे इंसान के अंदर आसुरी भावनाएं जागृत होती हैं। इन आसुरी शक्तियों को परमात्मा की याद, अच्छे चितन और कर्मों से समाप्त कर खुद के अंदर सद्गुणों को जागृत कर आंतरिक शक्तियों को जगाने का प्रतीक है विजयादशमी।
यह बातें रविवार को प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय राजयोग प्रशिक्षण केंद्र शाखा फाजिलनगर की संचालिका ब्रम्हाकुमारी भारती ने आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में कही। बीके रामायण सिंह, बीके ई.उदय भान सिंह, बीके रामप्रसाद लाल श्रीवास्तव आदि ने भी संबोधित किया। बीके बबलू, बीके उमेश, मनोज, डा. गायत्री सिंह आदि उपस्थित रहे।