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आपदा राहत घोटाला: कई और चेहरे होंगे बेनकाब

आपदा राहत घोटाला की जांच में कई नए तथ्य सामने आते जा रहे हैं। तीन कर्मचारियों को संशोधित आरोप पत्र जारी किए जाने से माना जा रहा है कि बिचौलिये की भूमिका में कई और चेहरे बेनकाब होंगे। दूसरी ओर आरोपितों से पूछताछ के बाद एसआईटी की जांच में भी अंतिम दौर में पहुंच गई है जो कभी भी कार्रवाई कर सकती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 11:49 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 06:12 AM (IST)
आपदा राहत घोटाला: कई और चेहरे होंगे बेनकाब
आपदा राहत घोटाला: कई और चेहरे होंगे बेनकाब

कुशीनगर: आपदा राहत घोटाला की जांच में कई नए तथ्य सामने आते जा रहे हैं। तीन कर्मचारियों को संशोधित आरोप पत्र जारी किए जाने से माना जा रहा है कि बिचौलिये की भूमिका में कई और चेहरे बेनकाब होंगे। दूसरी ओर आरोपितों से पूछताछ के बाद एसआईटी की जांच में भी अंतिम दौर में पहुंच गई है, जो कभी भी कार्रवाई कर सकती है। कलेक्ट्रेट से रमन श्रीवास्तव नामक युवक ने नौ अगस्त 2018 को आपदा राहत का 67 लाख 60 हजार पांच सौ रुपये का चेक अपने खाते में जमा किया, जिसके कुछ दिन बाद उसके सहयोगियों में मीरा, आरती व स्वयं के एसबीआई खाते में उसने इस धनराशि को हस्तांतरित करा लिया। अलग-अलग तिथियों में उसने 44 लाख रुपये की स्वयं निकासी की थी। इस मामले में तत्कालीन ओसी बिल्स प्रभारी विपिन कुमार की तहरीर पर पांच लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज हुआ था। डीएम के निर्देश पर जनवरी 2020 से मामले की जांच एसआईटी टीम कर रही है।

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जवाब के बाद तय होगी कार्रवाई

-संशोधित आरोप पत्र जारी करते हुए सीडीओ आनन्द कुमार ने आपदा पटल पर तैनात रहे रामेश्वर सिंह, विजयनाथ उपाध्याय व राजेश कुमार से एक हफ्ते में जवाब मांगा है। आरोप पत्र में पूछा है कि आप लोगों की तैनाती रहते आपदा राहत की धनराशि में कैसे घोटाला हो गया। बताया कि जवाब मिलने के बाद अगली कार्रवाई तय की जाएगी। इसकी जांच खुद सीडीओ, एडीएम विध्यवासिनी राय प वरिष्ठ कोषाधिकारी रईस अहमद की टीम कर रही है। अभी तक 2.20 करोड़ रुपये घोटाले की पुष्टि हो चुकी है।


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