Move to Jagran APP

उत्तरा में तबाही, हथिया का सता रहा भय

अश्विन (क्वार) माह के अंतिम सप्ताह में उत्तरा नक्षत्र में लगातार बारिश से फसलों की तबाही के बाद किसानों को हथिया (हस्त) नक्षत्र का भय सताने लगा है। अगर बारिश का क्रम चलता रहा तो धान की फसल ढह जाएगी और गन्ना भी उकठ जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 11:35 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 11:35 PM (IST)
उत्तरा में तबाही, हथिया का सता रहा भय
उत्तरा में तबाही, हथिया का सता रहा भय

कुशीनगर: अश्विन (क्वार) माह के अंतिम सप्ताह में उत्तरा नक्षत्र में लगातार बारिश से फसलों की तबाही के बाद किसानों को हथिया (हस्त) नक्षत्र का भय सताने लगा है। अगर बारिश का क्रम चलता रहा तो धान की फसल ढह जाएगी और गन्ना भी उकठ जाएगा।

loksabha election banner

आचार्य वीरेंद्र कुमार चौबे ने बताया कि पुरानी मान्यता है कि उत्तरा से वर्षा उत्तरायण होने लगता है। हथिया नक्षत्र का किसानों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस नक्षत्र का जल मीठा और शीतल होने से रवि की फसलों को लाभ होता है। 28 सितंबर को सुबह नौ बजकर 23 मिनट से हस्त नक्षत्र शुरू होगा, समापन 11 अक्टूबर की रात नौ बजकर 52 मिनट पर काíतक मास में एक दिन चढ़कर समापन होगा। हथिया में झमाझम बारिश व हवा के झोके के साथ ठंड की शुरुआत होने लगती है। पहले मोटे अनाज अश्विन माह में पककर तैयार हो जाते थे तो हथिया में बारिश से फसल काटने में असुविधा होती थी। धान की नई प्रजाति आ जाने से फसल चक्र 15 दिन से एक माह आगे चला गया है। आचार्य चौबे ने कहा कि अगर उत्तरा में इतनी बारिश नहीं होती तो हस्त नक्षत्र में बारिश होने से किसानों को फायदा होता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.