फसल लगे खेतों को काट रही नारायणी, बर्बाद हो रहे किसान
एपी बांध के अंतिम छोर पर बसे ग्राम अहिरौलीदान के कचहरी टोला व नोनिया पट्टी में आबादी में कटान कर रही नारायणी नदी के रुख में परिवर्तन आया है। आबादी में कटान की गति धीमी हुई है, लेकिन नदी अब फसल लगी कृषि भूमि को अपने आगोश में समेट रही है
कुशीनगर : एपी बांध के अंतिम छोर पर बसे ग्राम अहिरौलीदान के कचहरी टोला व नोनिया पट्टी में आबादी में कटान कर रही नारायणी नदी के रुख में परिवर्तन आया है। आबादी में कटान की गति धीमी हुई है, लेकिन नदी अब फसल लगी कृषि भूमि को अपने आगोश में समेट रही है। बाघाचौर में भी खेती योग्य भूमि नदी की धारा में विलीन हो रही है। बताते चलें कि सोमवार को नदी का डिस्चार्ज 1.30 लाख क्यूसेक की अपेक्षा मंगलवार को डिस्चार्ज मामूली घटकर 1.26 लाख क्यूसेक रहा। नदी का जलस्तर खतरे के निशान 76.20 मीटर से 2 मीटर नीचे 73.20 मीटर दर्ज किया गया। इसके बावजूद नदी की कटान की प्रवृत्ति जारी रही और बांध के किमी 14.000 कचहरी टोला, नोनिया पट्टी व किमी 10.518 बाघाचौर में तांडव मचाती नदी गन्ना व धान की फसल लगे खेतों को काट रही है। यहां बचाव कार्य न होने से किसान बर्बाद हो रहे हैं।
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धन के अभाव में नहीं हो रहा बचाव कार्य : एक्सियन
सेवरही : ¨सचाई विभाग के अधिशासी अभियंता भरत राम ने बताया कि धन के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है ¨कतु अभी तक शासन से धन अवमुक्त नहीं हुआ है इस नाते बचाव कार्य शुरु नहीं हो सका है।
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बचाव कार्य में कोताही क्षम्य नहीं : डीएम
सेवरही : जिलाधिकारी डा. अनिल कुमार ¨सह ने इस संबंध में बताया कि अभी तक बचाव कार्य आरंभ क्यों नहीं हो सका है। यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। पता करवा रहा हूं। बचाव कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।