कुशीनगर में ट्रेनों के न चलने से दुकानदारी पर संकट
कुशीनगर में कोरोना संक्रमण के चलते 22 मार्च से बंद है ट्रेनों का संचलन तमकुहीरोड रेलवे स्टेशन पर कैंटीन समेत दर्जनों दुकानदारों की बंद है आमदनी।
कुशीनगर: ट्रेनों का संचलन 22 मार्च से बंद होने से तमकुहीरोड रेलवे स्टेशन पर स्थित कैंटीन समेत दर्जनों दुकानदारों की आमदनी समाप्त हो गई है। इससे इन दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का संकट है। ट्रेनों के आवागमन शुरू होने का इंतजार करते हुए नौ माह बीत गए हैं, लेकिन अभी तक संचालन शुरू नहीं हो पाया।
बिहार की सीमा से महज पांच किलोमीटर पहले स्थित तमकुहीरोड रेलवे स्टेशन से होकर सुबह से लेकर रात आठ बजे तक एक्सप्रेस समेत पांच ट्रेनों का संचालन होता था। इन ट्रेनों के जरिये प्रतिदिन हजारों यात्रियों आवागमन बना रहता था। इससे स्टेशन स्थित कैंटीन से लेकर अन्य दुकानों पर भीड़ रहती थी।
स्टेशन पर बुक स्टाल चलाने वाले सीताराम गुप्ता ने बताया कि यात्रियों की आवाजाही से ही दुकान चलती थी, जब से ट्रेनों का संचलन बंद हुआ है तब से गुजारा मुश्किल से हो रहा है। परिवार का खर्चा चलाना कठिन हो गया है।
कैंटीन चलाने वाले विजय गुप्त कहते हैं कि चाय-समोसे की बिक्री से करीब आठ परिवारों की जीविका चलती थी। ट्रेन बंद क्या हुई हम बेरोजगार हो गए। वर्षों से इसी स्टेशन से परिवार का भरण पोषण होता चला आ रहा था।
चाय दुकानदार राज दुलार ने बताया कि नौ माह से ट्रेन बंद है, आमदनी का कोई स्त्रोत न होने से परिवार का भरण-पोषण मुश्किल से हो रहा है। स्टेशन की दुकानदारी की देन है कि भूमि खरीद कस्बे में घर बनवाया था।
बांसुरी वर्मा कहते हैं कि कोरोना के कारण ट्रेनों के बंद होने से जीविका भगवान भरोसे चल रही है। मन की संतुष्टि के लिए घुम-घुम कर चाय बेचकर दिन बिताते हैं।
स्टेशन अधीक्षक निखिल श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रेनों का संचलन कब होगा, कोई निश्चित जानकारी नहीं है। यह उच्चाधिकारियों के स्तर का मामला है।